अर्थशास्त्री बोले फर्जी स्क्रीनशॉट पर क्यों उछल रहे हैं, भारत अब तक 4 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी नहीं बना
हाईलाइट्स
वित्त वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर लगभग 3.6 ट्रिलियन डॉलर रहने का अनुमान।
एनएसओ वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी वृद्धि पर पहला अग्रिम अनुमान जनवरी में जारी करेगा।
स्क्रीनशॉट्स की सोशल मीडिया पर बाढ़, जिनमें देश को 4 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बताया।
राज एक्सप्रेस। भारत का सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी अभी भी 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने से कुछ दूर है। हालांकि, अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस मील के पत्थर से हमारी अर्थव्यवस्था बहुत दूर नहीं है। अगले कुछ समय में हम इस सीमा को छू लेंगे। केंद्रीय बजट 2023-24 के अनुसार, भारत की जीडीपी वित्तवर्ष 2023-24 के दौरान 301.75 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। यह राशि वित्त वर्ष 2022-23 के अनुमानित 272.41 लाख करोड़ रुपये से 10.5 फीसदी वृद्धि दर दर्ज कर सकती है। अमेरिकी डॉलर में, देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष में 3.63 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी रहने का अनुमान है।
बैंक आफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा मौजूदा हालात में, देश की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर होने की बात दूर की बात लगती है। यह 330 लाख करोड़ रुपये तक जा सकती है। उन्होंने कहा 2024-25 में 10 फीसदी बढ़ोतरी के साथ यह लक्ष्य हासिल करना संभव हो सकता है। रविवार को, एक तस्वीर के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसमें दावा किया गया है कि भारत की जीडीपी बढ़कर 4 ट्रिलियन डॉलर हो गई है। जब यह स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो बहुत सारे लोगों ने इसका स्वागत किया।
इस स्क्रीनशॉट में दावा किया गया है कि भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से बहुत दूर नहीं रह गया है। इस स्क्रीनशॉट का अब तक किसी ने आधिकारिक रूप से पुष्टि या खंडन नहीं किया है। भारत के आधिकारिक जीडीपी अनुमान एक निर्धारित कैलेंडर के अनुसार सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी किए जाते हैं। आधिकारिक अनुमानों का उपयोग अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों सहित सभी एजेंसियों द्वारा किया जाता है।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी का पहला अग्रिम अनुमान, अंतरिम बजट 2024-25 से पहले जनवरी की शुरुआत में जारी किया जाएगा। इसके बाद फरवरी में दूसरा अग्रिम अनुमान और मई में पहला अनंतिम अनुमान जारी किया जाएगा। देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए इस डेटा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बताया कि वास्तविक समय को लेकर की जाने वाली भविष्यवाणियां अक्सर भ्रामक साबित होती हैं।
राहुल बाजोरिया, एमडी और ईएम एशिया (पूर्व-चीन) अर्थशास्त्र के प्रमुख, बार्कलेज ने अपने व्यक्तिगत एक्स अकाउंट पर शेयर की गई पोस्ट में कहा कि यह स्क्रीन शाट किसने जारी किया है। मैं आश्चर्यचकित हूं कि हर कोई स्क्रीनशॉट पर इतना क्यों उछल रहा है। भारत 2024 के अंत-2025 की शुरुआत तक 4 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी नहीं बनने वाला।
मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी लगभग 300 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इसका मतलब यह हुआ कि तब लगभग 3.65 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी हो जाएगा। वर्तमान विनिमय दरों पर राहुल बाजोरिया, एमडी और ईएम एशिया (पूर्व-चीन) अर्थशास्त्र के प्रमुख, बार्कलेज ने अपने व्यक्तिगत एक्स अकाउंट (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर कहा। बता दें कि वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी अनुमान पर आधिकारिक डेटा महीने के अंत में जारी किया जाएगा।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।