खत्म हुए वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश का बिजली उत्पादन काफी बढ़ा
खत्म हुए वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश का बिजली उत्पादन काफी बढ़ाSocial Media

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश का बिजली उत्पादन काफी बढ़ा

भारत में बिजली उत्पादन में काफी बढ़त दर्ज हुई है। इस प्रकार हाल ही में खत्म हुए वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश का बिजली उत्पादन काफी बड़ा। इस मामले में जानकारी सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से सामने आई है।

Electricity Production Figures : एक समय हुआ करता था जब भारत के कई राज्यों में बिजली नहीं हुआ करती थी, लेकिन आज हर राज्य हर गांव में बिजली पहुंच चुकी हैं। ऐसे में अब भारत में बिजली उत्पादन में भी काफी बढ़त दर्ज हुई है। इस प्रकार हाल ही में खत्म हुए वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश का बिजली उत्पादन काफी बड़ा है। इस मामले में जानकारी सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से सामने आई है।

बिजली उत्पादन के आंकड़े जारी :

दरअसल, सरकार की तरफ से खत्म हुए वित्त वर्ष 2022-23 के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश का बिजली उत्पादन जिस स्पीड से बढ़ा है, उस स्पीड से 33 साल में पहले कभी नहीं बड़ा। वहीँ, इसी दौरान ही कोयले से चलने और नवीकरणीय संयंत्रों दोनों में उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़त दर्ज हुई है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2022-23 में भारत में बिजली का उत्पादन 11.5% से बढ़कर 1,591.11 अरब किलोवॉट पर पहुंच गया है। बता दें, इससे पहले सबसे तेज बिजली उत्पादन मार्च 1990 में यानी 33 साल पहले हुआ था और इसके बाद अब हुआ है।

सामने आई रिपोर्ट :

इन आंकड़ों के अनुसार जारी की गई रिपोर्ट की मानें तो इसमें कहा गया है कि, 'गर्मी की तेज लहरें, उत्तर भारत में सामान्य से अधिक ठंड और आर्थिक गतिविधियों में सुधार की वजह से देश में बिजली की मांग बढ़ गई। इस बीच, बिजली कटौती की समस्या से बचने के लिए भारत को कोयला और जीवाश्म ईंधन से चलने वाले संयंत्रों के माध्यम से उत्पादन बढ़ाना पड़ा है। याद दिला दें, पिछले वित्त वर्ष की सामान अवधि में कोयले से चलने वाले संयंत्रों से बिजली उत्पादन 12.4% बढ़कर 1,162.91 अरब किलोवॉट पहुंच गया था। जिससे कुल बिजली उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी भी बढ़कर 73.1% पर पहुंच गई थी। वहीँ, हिस्सेदारी मार्च, 2019 के बाद चार साल के उच्च स्तर पर नज़र आई थी।

ताजा आंकड़े :

  • जीवाश्म ईंधन से चलने वाले संयंत्रों के उत्पादन में 11.2% की बढ़त दर्ज हुई, जो तीन दशक से ज्यादा समय का उच्च स्तर है।

  • वैश्विक स्तर पर LNG की कीमतें बढ़ने से स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाले संयंत्रों से बिजली उत्पादन में 28.7% की गिरावट दर्ज हुई ।

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