नौकरियां बढ़ने के बावजूद फेड रिजर्व के इंटरेस्ट रेट घटाने की संभावना नहीं
इन्हीं अनुमानों के आधार पर सोने की कीमतों में देखने को मिल रही है तेजी
विशेषज्ञों का मानना है सोने के दामों में तेजी का दौर फिलहाल जारी रहेगा
राज एक्सप्रेस। आज सप्ताह के पहले दिन सोमवार 8 अप्रैल को भी सोने के मूल्य में तेजी देखने को मिली है। सोने की कीमतें पिछले कुछ समय से लगातार ऊपर जा रही हैं। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही बाजारों में सोने की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें 2,343.89 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गया है। गोल्ड फ्यूचर्स 2,361 डॉलर प्रति औंस रहा है। इघप घरेलू बाजार में सोना 71,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा। सोने की कीमतें पहली बार इस ऊंचाई पर पहुंची है। 8 अप्रैल को एमसीएक्स में गोल्ड फ्यूचर्स 440 रुपये यानी 0.62 फीसदी चढ़कर 71,080 रुपये पर जा पहुंचा।
हर कोई जानना चाहता है कि आखिर किस वजह से सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है ? इसकी कई वजहें बताई जा रही हैं। इसकी एक बड़ी वजह है भू-राजनीतिक तनाव है। विशेषज्ञों का कहना है कि मध्य-पूर्व में इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जारी टकराव की वजह से सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। इसके साथ ही रूस ने यूक्रेन को नए सिरे से निशाना बनाना शुरू किया है। माना जा रहा है कि यह युद्ध अगले दिनों में और गंभीर रूप ले सकता है। इन आशंकाओं ने सुरक्षित निवेश के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ा दी है। संकट के समय में सोने को ही सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है।
दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं इस समय दबाव से गुजर रही हैं। इस वजह से भी सोने में निवेश बढ़ रहा है। यही वजह है कि हाल के दिनों में सोने के दामों में तेजी देखने को मिल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में नौकरियां बढ़ने के बावजूद फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें घटाने की संभावना समजोर पड़ने की वजह से सोने में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है। फिलहाल जो स्थितियां हैं, उनका विश्लेषण करने पर यही समझ में आता है कि सोने की कीमतों में तेजी का मौजूदा दौर फिलहाल आगे भी जारी रहने वाला है। जब तक फेड ब्याज पर अपनी नीति स्पष्ट नहीं करता और भू-राजनीतिक तनाव कम नहीं होते, तब तक स्थितियां अनुकूल नहीं होंगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोना 2,355 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक जा सकता है। इसके लिए 2,298-2,278 डॉलर प्रति औंस पर सपोर्ट दिखाई देता है। इंडिया में गोल्ड का सपोर्ट स्तर 70,380 रुपये प्रति 10 ग्राम है। इसे 71,120 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रजिस्टेंस मिलता दिखाई देता है। विशेषज्ञों ने निवेशकों को सुझाव दिया है कि वे सोचसमझ कर ही सोने में निवेश करें। उन्हें दुनिया की भू-राजनीतिक स्थितियों और स्वर्ण धातु की कीमतों को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों के बारे में समझ होनी जरूरी है। विशेषज्ञों की राय में फिलहाल कीमतों में नरमी की उम्मीद नहीं दिखाई देती है।
हाल के दिनों में कई देशों की अर्थव्यवस्थाएं मंदी का शिकार है। इन देशों में महंगाई में बढ़ोतरी हो रही है। हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमतों ने भी इसमें योगदान दिया है। इसकी वजह से तमाम उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। इन देशों के लोग बडे़ पैमाने पर सोने में निवेश कर रहे हैं, क्योंकि सोना हमेशा ही मुद्रास्फीति से सुरक्षा देता है। इसके साथ ही सोने को लोग अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो को विविधतापूर्ण बनाने में भी इस्तेमाल करते हैं। निवेशक जानते हैं कि जब दूसरी ऐसेट्स रिटर्न के लिहाज से कमजोर पड़ती है, तब सोना अच्छा प्रदर्शन करता है। यही वजह है कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो में सोने को जरूर शामिल करते हैं। आपके पोर्टफोलियो में सोने का संतुलित अनुपात 10 फीसदी तक हो सकता है।
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