Bitcoin बैन को लेकर वित्त मंत्रालय का लिखित बयान

क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की खबरों के बीच आज जब संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ तब वित्त मंत्रालय ने Bitcoin बैन को लेकर लिखित में उत्तर दिया।
Bitcoin बैन को लेकर वित्त मंत्रालय का लिखित बयान
Bitcoin बैन को लेकर वित्त मंत्रालय का लिखित बयानSocial Media

राज एक्सप्रेस। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक ऐसी करेंसी है, जो ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर कई नियम निर्धारित किए गए हैं। क्योंकि, कई देशों में इसे इल्लीगल माना जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम जो सुना जाता है वो बिटकॉइन (Bitcoin) का है और बिटकॉइन आज कल बहुत ट्रैंड में चल रहा है आज कल आपने हर किसी को बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने की बात कहते सुना होगा। वहीं, बीते दिनों भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की खबरों के बीच Bitcoin में गिरावट देखने को मिली थी। वहीं, आज जब संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ तब वित्त मंत्रालय ने लिखित में उत्तर दिया।

Bitcoin को लेकर बिल पेश होगा बिल :

आज यानी सोमवार से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई। दरअसल, पिछले दिनों मोदी सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा ऐलान किया था। उसके बाद भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने को लेकर संसद में एक बिल पेश किया गया। वहीं, अब इस सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर एक अहम बिल पेश किया जाएगा। यह बिल देश में डिजिटल करेंसी यानी क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन को बैन करने को लेकर पेश किया जाएगा। उम्मीद यह भी है कि, भारत में क्रिप्टोकरेंसी बैन भी की जा सकती है। वहीं, आज से शुरू हुए शीतकालीन सत्र में पहले दिन ही बिटक्वाइन के लेन-देन से जुड़ा सवाल पूछा गया। जिसका उत्तर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में लिखित में देते हुए कहा कि,

'भारत सरकार बिटकॉइन लेनदेन पर डाटा बिल्कुल भी एकत्र नहीं करती है। देश में बिटकॉइन को मुद्रा के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) डिजिटल मुद्राओं के उपयोग के मामलों की जांच कर रहा है और केंद्रीय बैंक अपनी डिजिटल मुद्रा (CBDC) की शुरुआत के लिए चरणबद्ध कार्यान्वयन रणनीति पर काम कर रहा है, जिसमें कोई व्यवधान नहीं है।

निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री

वित्त मंत्रालय का बयान :

क्रिप्टोकरेंसी के भारत में हो रहे इस्तेमाल को लेकर वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए लिखित बयान में कहा गया कि' 'डिजिटल मुद्रा से होने वाले लाभ, जैसे नकदी पर कम निर्भरता, कम लेन-देन की लागत के कारण उच्च भार, कम निपटान जोखिम पर विचार किया जाएगा। यह एक अधिक मजबूत, भरोसेमंद, विनियमित और कानूनी निविदा-आधारित भुगतान विकल्प को जन्म दे सकता है।'

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