फिनटेक क्रांति से देश में लेनदेन में हुई आसानी, क्षेत्र के वित्तीय स्वास्थ्य का ध्यान रखेगी केंद्र सरकार

वित्तमंत्री सीतारमण ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के संकट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं किसी एक मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहती।
Nirmala Sitaraman
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हाईलाइट्स

  • निर्मला सीतारमण ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के संकट पर टिप्पणी से किया इनकार

  • सीतारमण ने कहा पेटीएम के ताजा मामले में मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगी

  • फिनटेक को लेकर हम सभी बहुत उत्साहित, इस सेक्टर को जारी रहेगी सहायता

राज एक्सप्रेस। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक में सामने आए संकट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार फिनटेक को लेकर बेहद सकारात्मक है और इस क्षेत्र में अधिक शेयरधारकों के साथ जुड़ना चाहेगी। निर्मला सीतारमण ने एक साक्षात्कार में कहा कि फिनटेक एक ऐसा क्षेत्र है, जिसको लेकर हम सभी बहुत उत्साहित हैं। पेटीएम पर किए जाने वाले सवाल से बचते हुए, उन्होंने कहा कि इस मामले में मैं किसी विशेष कंपनी पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगी। लेकिन देश में फिनटेक क्रांति की वजह से आपसी लेनदेन में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इस सेक्टर का वित्तीय स्वास्थ्य बरकरार रखने के लिए केंद्र सरकार हर संभव मदद जारी रखेगी।

आरबीआई ने पेटीएम भुगतान बैंक पर लगाई रोक

भारतीय रिज़र्व बैंक ने रेगुलेटरी नियमों के उल्लंघन और अनेक परिचालन संबंधी अनियममितताओं को की वजह से पेटीएम पेमेंट्स बैंक के कामकाज पर रोक लगा दी है। माना जा रहा है कि सेंट्रल बैंक जमाकर्ताओं के जमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद अगले माह की शुरुआत में पेटीएम पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस रद्द करने पर विचार कर सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने यह कार्रवाई ग्राहक दस्तावेज़ीकरण नियमों के दुरुपयोग और अहम लेनदेन का खुलासा नहीं करने के जवाब में की है।

पेटीएम पर अब नहीं लिया गया कोई अंतिम निर्णय

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। पेटीएम के प्रतिनिधित्व के आधार पर आरबीआई की सोच बदल सकती है। पेटीएम बैंक के प्रतिनिधि ने कहा केंद्रीय बैंक का हालिया निर्देश चल रही पर्यवेक्षी प्रतिबद्धता और अनुपालन प्रक्रिया का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने नियामक के निर्देशों का पूरी तरह से अनुपालन किया है। उल्लेखनीय है कि सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प समर्थित पेटीएम पिछले काफी समय से बैंकिंग नियामक भारतीय रिजर्व बैंक के निशाने पर है।

रेगुलेटरी नियमों के उल्लंघन का मामला सामने आया

भारतीय रिजर्व बैंक ने 2018 से जारी जांच के बाद बीते बुधवार को लोकप्रिय भुगतान ऐप और इसकी बैंकिंग शाखा के बीच संदिग्ध लेनदेन के बारे में पिछले दो सालों में कई चेतावनियाँ भी दी, इसके बाद भी पेटीएम ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया है। सूत्रों के अनुसार पेटीएम ने रेगुलेटरी नियमों के उल्लंघन और चीन के साथ संबंधों पर बार-बार की चेतावनियों को नजरअंदाज किया। बैंक पर उचित ग्राहक-जानकारी दस्तावेज के बिना बड़ी संख्या में नए ग्राहकों को शामिल करने का भी आरोप है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के उल्लंघन का मामला भी जांच में सामने आया है।

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