फ‌र्स्ट रिपब्लिक बैंक डूबा, आखिर अमेरिका में क्यों दीवालिया होते हैं इतने बैंक ?

अमेरिका में बैंकिंग ढ़ांचा बुरी तरह चरमरा गया है। भारी वित्तीय संकट की वजह से अमेरिका का एक और बैंक डूब गया है। इस बैंक का नाम फ‌र्स्ट रिपब्लिक बैंक है।
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फ‌र्स्ट रिपब्लिक बैंकRaj Express

हाईलाइट्स

  • बैंक डूबने से बढ़ी चिंता, क्या फिर आने वाला है 2008 जैसा आर्थिक संकट ?

  • अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम में ऐसा क्या है जो बैंकों के लिए बन जाता है काल

  • रिपब्लिक फर्स्ट बैंक के परिचालन को राजी हुआ पेंसिलवेनिया का फुल्टन बैंक

राज एक्सप्रेस । अमेरिका में बैंकिंग ढ़ांचा बुरी तरह चरमरा गया है। भारी वित्तीय संकट की वजह से अमेरिका का एक और बैंक डूब गया है। इस बैंक का नाम फ‌र्स्ट रिपब्लिक बैंक है। अमेरिका के बैंकिंग रेगुलेटर फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) ने रिपब्लिक फ‌र्स्ट बैंक की संपत्तियां जब्त कर ली हैं। यह बैंक 2024 में डूबने वाला पहला बैंक बन गया है। बता दें कि पिछले साल यानी 2023 में सिटीजन्स बैंक समेत 5 अमेरिकी बैंक डूब गए थे। ऐसे में सबसे पहला सवाल यही जेहन में पैदा होता है कि आखिर अमेरिका में क्यों दीवालिया होते हैं इतने बैंक ?

अब फुल्टन बैंक ने संभाली जिम्मेदारी

अमेरिका के क्षेत्रीय बैंक- फ‌र्स्ट रिपब्लिक बैंक के डूबने के बाद बैंकिंग रेगुलेटर फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) ने बताया कि 31 जनवरी 2024 को फ‌र्स्ट रिपब्लिक बैंक की कुल परिसंपत्तियां करीब छह अरब डॉलर थी, जबकि बैंक में करीब चार अरब डॉलर की राशि जमा थी। एफडीआईसी ने बताया कि पेंसिलवेनिया का फुल्टन बैंक, फ‌र्स्ट रिपब्लिक बैंक का संचालन शुरू करने और इसकी संपत्तियां व जमा खरीदने पर सहमत हो गया है। शनिवार को फ‌र्स्ट रिपब्लिक बैंक की सभी 32 शाखाएं फुल्टन बैंक के तौर पर संचालित हुईं।

क्यों अमेरिका में बढ़ रहा बैंकिंग क्षेत्र में जोखिम

फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) ने कहा कि फ‌र्स्ट रिपब्लिक बैंक के जमाकर्ता चेक या एटीएम के जरिये लेनदेन कर सकते हैं। बैंक की इस विफलता से डिपॉजिट इंश्योरेंस फंड पर करीब 66.7 करोड़ डॉलर का बोझ पड़ेगा। बता दें कि फ‌र्स्ट रिपब्लिक बैंक की अधिकांश शाखाएं न्यूजर्सी, पेंसिलवेनिया और न्यूयार्क में स्थित हैं। बढ़ती ब्याज दरों और वाणिज्यिक संपत्ति के मूल्यों में गिरावट ने कई क्षेत्रीय और सामुदायिक बैंकों के लिए वित्तीय जोखिम बढ़ा दिया है। खासतौर पर मूल्य खो चुकी संपत्तियों पर बकाया कर्ज का पुनर्वित्त बैंकों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।

फरवरी में नाकाम हुई थी निवेश को लेकर बातचीत

वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, फ‌र्स्ट रिपब्लिक बैंक ने पिछले साल निवेशकों के एक समूह से निवेश को लेकर बातचीत शुरू की थी। लेकिन इस वर्ष फरवरी में यह बातचीत टूट गई थी। इसके बाद एफडीआईसी ने बैंक की संपत्तियां सीज करने और उन्हें बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। रिपब्लिक फर्स्ट बैंक पिछले काफी समय से वित्तीय दबाव महसूस कर रहा था। इसी दबाव में फ‌र्स्ट रिपब्लिक बैंक ने 2023 की शुरुआत में नौकरियों में कटौती करनी पड़ी थी। इसके साथ ही बैंक ने अपनी संपत्ति गिरवी रखकर वित्तीय दबावों से बाहर निकलने की कोशिश की थी। लेकन ये सब उपाय बैंक को वित्तीय दबाव से बाहर नहीं निकाल पाए और अंततः बैंक डूब गया।

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