रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर एस वेंकिटरमणन का लंबी बीमारी के बाद 92 साल की उम्र में निधन
हाईलाइट्स
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे वेंकिटरमणन
उन्होंने वित्त सचिव और कर्नाटक सरकार के सलाहकार के रूप में भी सेवाएं दी थीं।
वेंकिटरमणन ने देश के औद्योगिक विकास व ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने में भी दिया योगदान।
राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर एस वेंकिटरमणन का 92 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी की वजह से चेन्नई में निधन हो गया। उन्होंने अपने सुदीर्घ जीवनकाल में अनेक भूमिकाओं में देश की सेवा की। वेंकटरमणन भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। आरबीआई गवर्नर के रूप में नियुक्ति से पहले वह वित्त सचिव और कर्नाटक सरकार के सलाहकार के रूप में लंबे समय तक सेवाएं दे चुके थे। मौजूदा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि एस वेंकिटरमणन को संकट के समय दिए गए योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
दिवंगत वेंकिटरमणन ने आरबीआई के गवर्नर का पदभार दिसंबर 1990 और दिसंबर 1992 के बीच संभाला था। मौजूदा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने उनकी 'उत्कृष्ट व्यक्ति' और 'लोक सेवक' के रूप में सराहना की है। उन्होंने कहा कि संकट के समय में उनकी रणनीतियां बेमिसाल होती थीं। वह पहले से जानते थे कि किन रणनीतियों को अपनाकर किस संकट से किस तरह बाहर निकना है। वह आर्थिक जगत में घटने वाली सभी गतिविधियों में आने वाले मोड-घुमाओं को पहले से भांप लेने में माहिर थे। उनका बुद्धि कौशल आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपनी पोस्ट में कहा कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर एस वेंकिटरमणन के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। वह एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व एवं जनसेवक थे। उन्होंने संकट के समय में बहुत योगदान दिया। यही कामना है कि उनकी आत्मा को शाश्वत शांति मिले।
उल्लेखनीय है कि एस वेंकिटरमणन 1990-92 के दौरान देश के आर्थिक इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण समय में आरबीआई गवर्नर थे। उनके कार्यकाल में देश को बाह्य क्षेत्र से संबंधित कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनके कुशल प्रबंधन ने देश को भुगतान संतुलन संकट से उबारने में मदद की। वेंकटरमणन के कार्यकाल में ही भारत ने आईएमएफ के स्थिरीकरण कार्यक्रम को अपनाया, जहां रुपये का अवमूल्यन हुआ और आर्थिक सुधार कार्यक्रमों की शुरूआत हो सकी। वेंकिटरमनन, सी सुब्रमण्यम के प्रमुख सहयोगी थे, जिन्होंने 60 के दशक के मध्य में हरित क्रांति की शुरुआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वेंकिटरमणन ने देश के औद्योगिक विकास और ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने में भी अहम योगदान दिया था।
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