हाइलाइट्स:
सरकार ने कंपनियों से अपने मीडियन डिलीवरी टाइम की जानकारी मांगी।
डिलीवरी में देरी होने पर कंपनियों को बदलने पड़ेंगे अपने दावे।
क्विक कॉमर्स कंपनियों को मिला 4 मिनट का बफर।
राज एक्सप्रेस। भारत में फास्ट ऑनलाइन डिलीवरी एप्स का ट्रेंड लगातार बढ़ते जा रहा है। बीते कुछ समय में ब्लिंकिट (Blinkit), ज़ेप्टो (Zepto), स्विगी इंस्टामार्ट (Swiggy Instamart), बिग बास्केट (BB Now) जैसी कई त्वरित वाणिज्य कंपनियों (Quick commerce companies) ने भारतीय बाजार में अपने पैर पसारे हैं। यह कंपनियां 10 मिनट के अंदर ऑर्डर डिलीवर (10-minute delivery) करने का दावा करती है। खबरों के मुताबिक, अब सरकार ने इन कंपनियों से 10 मिनट में सामान डिलीवर करने के दावों को साबित करने के लिए कहा है।
इस संबंध में कंपनियों से बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे शहरों में अपने मीडियन डिलीवरी टाइम की जानकारी साझा करने के लिए कहा गया है। अगर कंपनियों द्वारा साझा किये गए डाटा संतोषजनक नहीं होते हैं, तो इन कंपनियों के 10-minute delivery के दावों को बदलना होगा।
14 मिनट तक डिलीवरी में कोई आपत्ति नहीं
इस बीच खबर यह भी है, कि सरकार कंपनियों को 4 मिनट तक का बफर टाइम दे रही है। इसके अंतर्गत अगर ब्लिंकिट, ज़ेप्टो, स्विगी इंस्टामार्ट, बिग बास्केट जैसी कंपनियों का मीडियन डिलीवरी टाइम अगर 14 मिनट तक भी रहता है, तो उसे मान्य किया जाएगा। हालांकि कंपनियों को इसे कम करने के आदेश भी दिये गए हैं। इसके अलावा 14 मिनट से ज्यादा देरी होने पर कंपनियों को अपने 10-minute delivery के दावों को बदलकर 15 मिनट करना होगा। ज्यादातर क्विक डिलीवरी कंपनियां अभी टीवी, सोशल मीडिया और प्रिंट एड्स में 10 मिनट या उससे कम समय में डिलीवरी का दावा कर रही हैं।
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