Government will launch QR code scheme
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सरकार की नई क्यूआर कोड योजना से नहीं होगा दवाइयों का फर्जीवाड़ा

केंद्र सरकार अपनी एक नई क्यूआर कोड (QR Code) योजना लेकर मार्केट में उतरने की तैयारी कर रही है। इस योजना के तहत देश में मौजूद लगभग सभी फार्मास्युटिकल उत्पादों को क्यूआर कोड के द्वारा ही बेचा जाएगा।

राज एक्सप्रेस। कई बार देश में नकली दवाओं से जुड़ी खबरें सुनने में आती हैं। इस तरह की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार अपनी एक नई क्यूआर कोड (QR Code) योजना लेकर मार्केट में उतरने की तैयारी कर रही है। इस योजना के तहत देश में मौजूद लगभग सभी फार्मास्युटिकल उत्पादों को क्यूआर कोड के द्वारा ही बेचा जाएगा। जिससे नकली दवा और नकली फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक लग सकेगी।

कमिटी का गठन :

दरअसल, देश में कोरोना वायरस के फैलने से देश में दहशत का माहौल है ऐसे में फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट नकली दवाइयां न निर्मित करने लगे या कोई नकली फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट कंपनी ही न खोल ले। इन सब संभावनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने नई क्यूआर कोड (QR Code) योजना तैयार की है इसके लिए सरकार द्वारा एक कमिटी भी गठित की गई है। जो जल्द ही सरकार की इस क्यूआर कोड योजना के तहत एक अधिसूचना जारी कर सकती है।

सरकार का कहना :

इस नई योजना को लेकर सरकार का कहना है कि, हमने इस नई योजना को इसलिए तैयार किया है। ताकि देश में इस क्यूआर कोड योजना के माध्यम से दवा कहां बनी है और क्या दवा के फॉर्मूले के साथ कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई है इसका पता आसानी से लगाया जा सकें। सरकार ने ही भी बताया कि, सरकार इस योजना पर साल 2011 से काम कर रही है परन्तु यह योजना फार्मा कंपनियों के बार-बार मना कर देने के चलते तैयार नहीं हो पा रही थी और न ही इससे जुड़ा कोई फैसला ले पा रही थी।

परन्तु अब सरकार ने बताया है कि, अब इस योजना पर काम तेजी से शुरू हो चुका है। इसी योजना के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय, नीति आयोग और फार्मास्युटिकल विभाग के प्रतिनिधियों की प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ बैठक भी की थी। इस बैठक के बाद स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में कमिटी तैयार की गई जो, आने वाले 21 दिनों के भीतर रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौपेंगी।

फार्मा कंपनियों की मांग :

दरअसल, फार्मा कंपनियां का इस योजना के लिए साथ न देने का कारण यह था कि, उन इस बात का डर था की सभी सरकारी विभाग अपने-अपने अलग-अलग दिशा निर्देश जारी करेंगे। हालांकि, कंपनियों की मांग थी कि, देशभर में एक समान क्यूआर कोड लागू किया जाए। उसके बाद साल 2019 में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने एक ड्राफ्ट तैयार नोटिफिकेशन जारी किया। इस नोटिफिकेशन के अंतर्गत एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रिडेएंट्स (API) के लिए क्यूआर कोड जरूरी कर दिया गया।

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