राज एक्सप्रेस। भारत और चीन की सीमा पर हुए विवादों के बाद से ही भारत ने चीन को लेकर कमर कस ली है। चीन के प्रति सख्त रवैया अपनाना तो भारत काफी समय पहले ही शुरू कर चुका है। इसका अंदाजा भारत द्वारा की गई 4 डिजिटल स्ट्राइक और कई अन्य प्रॉडक्ट्स पर लगाए गए बैन से आसानी से लगाया जा सकता है। आज देश लगातार आत्मनिर्भर भारत की मुहिम के साथ आगे बढ़ रहा है। भारत द्वारा उठाये गए इन कदमों का प्रभाव अब चीन से होने वाले आयात पर साफ़ नजर आ रहा है। इस बारे में जानकारी चीन के कस्टम्स डाटा से सामने आई है।
आयात में गिरावट निर्यात में बढ़त :
दरअसल, भारत चीन के बीच हुए विवाद के पहले तक दोनों देशों के बीच काफी प्रॉडक्ट का आयात-निर्यात होता था, लेकिन भारत द्वारा चली गई आत्मनिर्भर मुहिम के बाद से इस साल चीन से हुए आयात में 13% की गिरावट दर्ज की गई है। जबकि निर्यात में 16% की बढ़त दर्ज की गई है। जो की भारत के लिए काफी फायदे की बात है। बता दें, यह आंकड़ा पिछले 11 महीनों का है। यानी इस साल 2020 के बीते 11 महीनों में भारत से चीन को हुए निर्यात में 16% की बढ़ोतरी हुई। जबकि, इसी अवधिके दौरान ही चीन से भारत में हुए आयात की दर में 13% की गिरावट दर्ज की गई।
4.35 लाख करोड़ रुपए के प्रॉडक्ट का निर्यात :
भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के चलते साल 2020 के जनवरी से नवंबर तक के 11 महीनों में दोनों देशों के बीच कुल 78 बिलियन डॉलर यानी लगभग 5.75 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ है। जबकि, कारोबार का यही आंकड़ा साल 2019 के समान महीनों में 92.68 बिलियन डॉलर यानी लगभग 6.84 लाख करोड़ रुपए का था। चीन के कस्टम्स डाटा के अनुसार, इस साल के इन महीनों में चीन से भारत को 59 बिलियन डॉलर यानी लगभग 4.35 लाख करोड़ रुपए के प्रॉडक्ट का निर्यात हुआ है।
विशेषज्ञों का कहना :
विशेषज्ञों का कहना है कि, 'सीमा पर जारी विवाद के कारण भारत में चीन के उत्पादों का बड़े स्तर पर बहिष्कार हुआ। इससे कारोबारियों ने चीन से आयात में कटौती की थी, जिसे आयात के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिली है।'
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