Securities and Exchange Board of India (SEBI)
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सेबी ने सत्यम घोटाले में बी रामलिंगा राजू व अन्य प्रमोटर्स को दिया, 1,747 करोड़ भुगतान का निर्देश

सेबी ने सेबी ने सत्यम कंप्यूटर के पूर्व अध्यक्ष बी रामलिंगा राजू, उनके सहयोगियों और राजू परिवार की निवेश कंपनी को शेयरों में हेराफेरी करने का दोषी पाया है।

हाईलाइट्स

  • सेबी ने जांच में सत्यम कंप्यूटर के प्रमोटरों को दोषी पाया।

  • सेबी ने 624.1 करोड़ ब्याज समेत लौटाने का निर्देश दिया।

  • सेबी ने कहा यह रकम 12 फीसदी ब्याज के साथ चुकानी होगी।

  • इस धन का भुगतान 45 दिनों के भीतर करने का निर्देश दिया।

राज एक्सप्रेस। शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड आफ इंडिया (सेबी) ने सेबी ने सत्यम कंप्यूटर के पूर्व अध्यक्ष और प्रमोटर बी रामलिंगा राजू, उनके सहयोगियों और राजू परिवार की निवेश कंपनी को शेयरों में हेराफेरी करने का दोषी पाया है। सेबी ने अवैध तरीके से हासिल 624.1 करोड़ रुपये ब्याज समेत लौटाने का निर्देश दिया है। सेबी ने कहा है कि यह रकम 12 फीसदी ब्याज के साथ चुकानी होगी। इस रकम पर 15 साल में 1123 करोड़ रुपए ब्याज हो गया है। इस तरह सत्यम को प्रमोटर्स को 1,747 करोड़ रुपए चुकाने होंगे। शेयर बाजार नियामक सेबी ने इस धन का भुगतान 45 दिनों के भीतर करने का निर्देश दिया है।

दो फरवरी को आया था एसएटी का आदेश

आदेश में जिन लोगों और इकाइयों को यह रकम भुगतान करने का आदेश दिया गया है, उनमें सत्यम के पूर्व चेयरमैन बी. रामलिंगम राजू, सत्यम के पूर्व प्रबंध निदेशक बी रामा राजू, रामलिंगम राजू के भाई बी सूर्यनारायणा राजू, एसआरएसआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड, सत्यम के पूर्व सीएफओ वी. श्रीनिवास और पूर्व वाइस प्रेसिडेंट (फाइनेंस) जी रामकृष्ण शामिल हैं। बता दें कि इस आदेश से पहले 2 फरवरी 2023 को सिक्योरिटीज आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल (एसएटी) का ऑर्डर आया था। उल्लेखनीय है कि सेबी ने अपनी जांच में सत्यम कंप्यूटर के प्रमोटर बी रामलिंगा राजू, निवेश कंपनी और चार अन्य लोगों बी सूर्यनारायण राजू, वी श्रीनिवास और जी रामकृष्ण को सत्यम के शेयरों में हेरफेर करके अवैध लाभ कमाने का दोषी पाया था।

रामलिंगा राजू ने स्वीकार किया हमने हेरफेर की

7 जनवरी 2009 को, सत्यम के तत्कालीन अध्यक्ष रामलिंगा राजू ने एक्सचेंजों को एक ईमेल भेज कर खुलासा किया था कि कैसे उन्होंने सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाता कंपनी के खातों में हेरफेर करने के लिए एक बहु-वर्षीय ऑपरेशन का नेतृत्व किया। सेबी ने अपनी जांच में रामलिंगा राजू और अन्य को दोषी पाने के बाद गलत तरीके से कमाई गई रकम 624.1 करोड़ रुपये लौटाने का निर्देश दिया था। बाद में सत्यम के प्रमोटर्स ने ऊपरी अदालतों- एसएटी और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जिसकी वजह से सेबी के निर्देश पर अमल नहीं हो सका। सेबी ने 624.1 करोड़ रुपये पर 7 जनवरी 2009 से भुगतान के दिन तक 12 फीसदी प्रति वर्ष की दर से साधारण ब्याज भी देने को कहा है। सेबी ने दंडात्मक ब्याज मिलाकर कुल रकम करीब 1,747 करोड़ रुपये हो गई।

राजू शेयर बाजार से 5 साल के लिए प्रतिबंधित

इसके साथ ही सेबी ने सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद रामालिंगा राजू और रामा राजू को शेयर बाजार से पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट, एसएटी और अन्य अदालतों में कई केस चलने के बाद सेबी ने यह वर्तमान आदेश पारित किया। शेयर बाजार नियामक सेबी के आदेश में बताया गया है कि इसी मामले में एक और मामला इस समय शीर्ष अदालत में लंबित है। सत्यम मामले में सेबी की जांच से पता चला कि इन व्यक्तियों ने जनवरी 2001 से दिसंबर 2008 के बीच सत्यम के शेयरों में गलत तरीके से कारोबार करके लाभ अर्जित किया था, जबकि उनके पास कंपनी की अनिश्चित वित्तीय स्थिति के बारे में संवेदनशील जानकारी थी।

रकम का भुगतान अलग-अलग किया जाएगा

सेबी के आदेश में पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण जी ने कहा मैं नोटिस पाने वालों को निर्देश देता हूं कि वे गैर-कानूनी तरीके से हासिल रकम का भुगतान टेबल नंबर 19 में दी गई गणना के अनुसार 12 फीसदी सालाना ब्याज के साथ करें। ब्याज की गणना 7 जनवरी, 2009 से भुगतान की तिथि तक की जाएगी। एसएटी के 2 फरवरी 2023 के आदेश के अनुसार गैर-कानूनी तरीके से हासिल फायदों के बदले रकम का भुगतान अलग-अलग किया जाएगा। अलग-अलग भुगतान करने पर बी. रामलिंगा राजू को 20.43 करोड़, रामा राजू को 20.43 करोड़ रुपये, बी. सूर्यनारायणा राजू को 51.44 करोड़ रुपये, एसआरएसआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड को 518.36 करोड़ रुपये, वी. श्रीनिवास को 9.58 करोड़ रुपये और जी रामकृष्ण को 3.83 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। इस पर ब्याज भी देना होगा। सेबी ने इस धन का भुगतान 45 दिनों के भीतर करने का निर्देश दिया है।

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