हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात में वृद्धि, सरकार ने हटाया बेन

वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के फैलने से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की बिक्री में काफी बढ़ोतरी हुई है। वहीं सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर से बेन हटा दिया।
Increase in exports of hydroxychloroquine
Increase in exports of hydroxychloroquineSocial Media

राज एक्सप्रेस। जहां पूरी दुनिया कोरोनावायरस की चपेट में आ चुकी है। भारत में भी तेजी से कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। वहीं, बीते महीनों में कोरोना से बने हालातों पर काबू पाने के लिए अमेरिका ने भारत से 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' दवाई की मांग की थी। अमेरिका द्वारा की गई मांग और दुनिया भर के देशों से लगातार की जा रही, अपील को मद्देनजर रख कर भारत ने एक अहम फैसला लिया था कि, अमेरिका सहित अन्य सभी देशों को 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' दवाई का निर्यात किया जाएगा। वहीं, अब विदेश व्यापार महानिदेशालय (DFFT) ने एक अधिसूचना जारी की है।

DFFT की अधिसूचना :

बताते चलें, विदेश व्यापार महानिदेशालय (DFFT) द्वारा एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि, 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन API (सक्रिय दवा सामग्री) और इसके फार्मूलेशंस के निर्यात पर लगे बेन को प्रभाव से हटा दिया जाता है।' बताते चलें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' को बहुत ही कारगर बताया था।

निर्यात में वृद्धि :

वैश्विक स्तर पर फैल रही महामारी कोरोना से रोकथाम के लिए दवाई या वैक्सीन न बनने तक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जा रहा है। इसी के चलते पिछले तीन महीने में भारत में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की बिक्री बहुत अधिक बढ़ी है। जी हां, इन महीनों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 22.5 करोड़ से भी अधिक गोलियों की बिक्री हुई है। बताते चलें इस आंकड़े में अस्पतालों द्वारा खरीदी गई गोलियां शामिल नहीं की गई है। इसके अलावा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात में भी वृद्धि देखी गई है। एक अंदाजे के अनुसार, साल 2019 में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 24 करोड़ गोलियां बिकी थीं।

ICMR की सिफारिश :

कोरोना वायरस के मामलों में हो रही तेजी से वृद्धि की देखते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा सिफारिश की गई है कि, स्वास्थ्यकर्मियों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल किया जाना चाहिए। साथ ही ICMR द्वारा ऐसे लोगों को भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल करने की सलाह दी है जो, कोरोना से संक्रमित के संपर्क में आ गया हो।

बताते चलें, भारत ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर पहले रोक लगाई गई थी, लेकिन भारत ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए कई देशों से निर्यात करके इस दवा की आपूर्ति की थी। भारत ने बीते 2 महीनों में 120 से अधिक देशों को पैरासिटामॉल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का निर्यात कर आपूर्ति की है।

क्या कर सकती है 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' दवाई :

जानकारी के लिए बता दें, एक रिसर्च में बताया गया था कि, 'हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' दवाई कोरोनावायरस से लड़ने के लिए काफी फायदेमंद है और यह दवाई दुनिया में सबसे ज्यादा मात्रा में भारत में ही बनती है। वैसे इस दवाई का इस्तेमाल ज्यादातर मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए किया जाता है।

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