काफी समय की गिरावट के बाद दर्ज की गई विदेशी मुद्रा और स्वर्ण भंडार में बढ़त
काफी समय की गिरावट के बाद दर्ज की गई विदेशी मुद्रा और स्वर्ण भंडार में बढ़तSyed Dabeer Hussain - RE

काफी समय की गिरावट के बाद दर्ज की गई विदेशी मुद्रा और स्वर्ण भंडार में बढ़त

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। बता दें, यह बढ़त काफी सप्ताह बाद दर्ज की गई है। इतना ही नहीं इसके साथ ही देश के स्वर्ण भंडार की कीमत में भी काफी समय बाद बढ़त दर्ज की गई है।

राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा समय-समय पर जारी किए जाते हैं। वहीं, बीते दिनों RBI ने एक बार फिर नए आंकड़े जारी कर दिए हैं। जिनके अनुसार, देश के विदेशी मुद्रा भंडार (IMF) में बढ़त दर्ज की गई है। बता दें, यह बढ़त विदेशी मुद्रा भंडार में काफी सप्ताह बाद दर्ज की गई है। इतना ही नहीं इसके साथ ही देश के स्वर्ण भंडार की कीमत में भी काफी समय बाद बढ़त दर्ज की गई है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है।

RBI के ताजा आंकड़े :

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 29 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 642.019 अरब डॉलर से बढ़कर 1.919 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। जबकि, 22 अक्टूबर को 2021 को समाप्त सप्ताह में 90.8 लाख डॉलर घटकर 640.1 अरब डॉलर पर आ गिरा था और उससे पहले 1 अक्टूबर 2021 के समाप्त सप्ताह में भी विदेशी मुद्रा भंडार का आंकड़ा गिरावट के साथ 1.169 अरब डॉलर घटकर 637.477 अरब डॉलर पर था। गौरतलब है कि, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा संपत्ति (FCA), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतर-राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ देश की आरक्षित स्थिति भी शामिल होती है।

गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :

बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में भी पिछले कुछ समय से गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन अब समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 13.8 करोड़ डॉलर घटकर 38.441 अरब डॉलर पर जा पहुंची हैं। हालांकि, इससे पहले भी गोल्ड रिजर्व में गिरावट ही दर्ज की गई थी। रिजर्व बैंक ने बताया कि आलोच्य सप्ताह के दौरान IMF के पास मौजूद भारत के भंडार में मामूली वृद्धि हुई। बता दें, विदेशी मुद्रा संपत्तियों (FCA) में आई गिरावट के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है। RBI के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज होने की वजह से कुल विदेशी विनिमय भंडार में बढ़त हुई है और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती है।

आंकड़ों के अनुसार FCA और SDR :

रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़कर होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। इस प्रकार समीक्षाधीन अवधि में अप्रैल 2021 को समाप्त समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) 1.363 अरब डॉलर से बढ़कर 578.462 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जबकि, IMF में देश का विशेष आहरण अधिकार (SDR) 12.7 करोड़ डॉलर घटकर 19.304 अरब डॉलर पर पंहुचा। बता दें, FCA को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं।

क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?

विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है। इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :

  • विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।

  • अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।

  • यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय ले सकती है।

  • विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।

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