WTO के सामने भारत ने उठाया अनाज निर्यात का मुद्दा, वित्त मंत्री ने दी जानकारी
WTO के सामने भारत ने उठाया अनाज निर्यात का मुद्दा, वित्त मंत्री ने दी जानकारीSyed Dabeer Hussain - RE

WTO के सामने भारत ने उठाया खाद्यान्न निर्यात का मुद्दा, वित्त मंत्री ने दी जानकारी

भारत ने WTO (World Trade Organization) के सामने अनाज (खाद्यान्न) निर्यात का मुद्दा उठाते हुए अपने सरप्लस अनाज से मदद की पेशकश की। इस बारे में जानकारी भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी।

राज एक्सप्रेस। जब भी कभी दो देशों के बीच युद्ध होता है तो उसका नुकसान सिर्फ उन देशों को ही नहीं होता है। बल्कि, उन दोनों देशों के साथ ही यह नुकसान अन्य देशों को भी झेलना पड़ता है। वहीं, यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे इस युद्ध के चलते भारत भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। हालात यह है कि, अब भारत में महंगाई बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में अब ईंधन की कीमत भी बढ़ रही है और खाद्यान्न में कमी हो रही है इन सब के कारण खाद्य संकट पैदा हो चुका है। इसी बीच भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सामने अनाज निर्यात (खाद्यान्न निर्यात) का मुद्दा उठाते हुए अपने सरप्लस अनाज से मदद की पेशकश की। इस बारे में जानकारी भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी।

वित्त मंत्री ने दी जानकारी :

दरअसल, रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण ईंधन की बढ़ती कीमतों व खाद्यान्न में कमी के कारण पैदा हो रहे खाद्य संकट के बीच भारत ने अपने सरप्लस अनाज से मदद की पेशकश की है। इसके अलावा भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने WTO (World Trade Organization) के सामने अनाज निर्यात का मुद्दा उठाया। इस मामले में उन्होंने WTO के एक अधिकारी के सामने कहा है कि, 'भारत जैसे कृषि प्रधान देशों को अनाज निर्यात करने में WTO के साथ कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर WTO की महानिदेशक ने अपनी प्रतिक्रिया में विश्वास दिलाते हुए कहा कि, 'संगठन (WTO) इस मामले को देख रहा है और जल्दी ही इसे सुलझा लिया जाएगा।'

स्प्रिंग बैठक में उठाया मुद्दा :

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा यह मुद्दा IMF द्वारा अमेरिका में आयोजित स्प्रिंग बैठक के दौरान उठाया गया। वित्त मंत्री ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि, “मैं इस बात को लेकर बेहद सकारात्मक हूं कि, इस मामले में WTO की प्रतिक्रिया बेहद संतोषजनक थी। मुझे लगता है कि, हम एक दशक पुराने उन प्रतिबंधों को तोड़ने में सफल होंगे जिनकी वजह से भारत अपने सरप्लस कृषि उत्पादों का निर्यात नहीं कर पा रहा है। इससे किसानों को भी बेहतर मुनाफा मिलेगा यूक्रेन संकट के बीच भारत ने खाद्य उत्पादों को निर्यात और विनिर्माण में अवसर देखे हैं। पूरी प्लेनरी ने इस बात पर सहमति जताई कि विश्व में खाद्य संकट चल रहा है और भारत जैसे देश जो इस संकट में तुरंत मदद कर सकते हैं उन्हें डब्ल्यूटीओ से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।" बता दें, उधर अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा है कि, US ने अनाज को लेकर भारत से मदद मांगी है।

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