वीवर्क ग्लोबल के बैंकरप्सी की प्रक्रिया शुरू करने का आवेदन देने से भारतीय कारोबार पर नहीं पड़ेगा असर
हाईलाइट्स
वीवर्क इंडिया के सीईओ ने वैश्विक वीवर्क के दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए किए गए आवेदन से भारतीय कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा
वीवर्क इंडिया में बेंगलुरु की रियल एस्टेट कंपनी एम्बैसी समूह की 73 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जबकि, वीवर्क ग्लोबल की है 27% हिस्सेदारी
राज एक्सप्रेस। विभिन्न कंपनियों को रेंटेड वर्क स्पेस उपलब्ध कराने वाली प्रमुख कंपनी वीवर्क इंडिया ने कहा है कि अमेरिकी अदालत में वीवर्क ग्लोबल द्वारा दायर दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए किए गए आवेदन से भारतीय कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि वीवर्क इंडिया में बेंगलुरु की रियल एस्टेट कंपनी एम्बैसी समूह की 73 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जबकि, वीवर्क ग्लोबल की 27 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
वीवर्क इंडिया के सात शहरों में 50 केंद्र
वीवर्क इंडिया के सात शहरों में 50 केंद्र हैं जिनमें लगभग 90,000 डेस्क हैं। वीवर्क इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) करण विरवानी ने अपने बयान में दावा किया कि कंपनी का भारतीय कारोबार अमेरिकी कंपनी वीवर्क ग्लोबल से अलग और स्वतंत्र है। इसलिए अमेरिकी कंपनी द्वारा दीवाला प्रक्रिया शुरू करने का आवेदन देने की वजह इसका परिचालन प्रभावित नहीं होगा। विरवानी ने कहा वीवर्क इंडिया स्वतंत्र रूप से काम करती हैं। इस ताजे घटनाक्रम की वजह से हमारे कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
वीवर्क इंडिया अपने-आप में एक अलग इकाई
विरवानी ने कहा कि वीवर्क इंडिया अपने-आप में एक अलग इकाई है। वह इस रणनीतिक पुनर्गठन प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा दिवाला प्रक्रिया शुरू होने से वैश्विक इकाई के परिचालन पर भी असर नहीं पड़ेगा क्योंकि उसके पास कारोबार का स्वामित्व रहेगा और वह पहले की तरह परिचालन जारी रखेगी। यह प्रक्रिया वीवर्क ग्लोबल के अमेरिका और कनाडा में कर्ज और लीज के पुनर्गठन से संबंधित है।
बना रहे ब्रांड नेम के प्रयोग का अधिकार
विरवानी ने कहा इस अवधि के दौरान परिचालन करार के तहत हमारे पास ब्रांड नाम के इस्तेमाल का अधिकार बना रहने वाला है। उन्होंने कहा वीवर्क इंडिया में एम्बैसी समूह ने बड़े पैमाने पर निवेश किया है। एम्बैसी समूह वीवर्क इंडिया के कारोबार में भविष्य में और अधिक निवेश करने को लेकर प्रतिबद्ध है। वैश्विक कोवर्किंग कंपनी वीवर्क ने अमेरिका में दिवाला संरक्षण के लिए आवेदन किया है।
कंपनियों को वर्किंग संपेस उपलब्ध कराती है वीवर्क
को-वर्किंग से आशय एक ही स्थान पर कई कंपनियों के लिए कार्यालय उपलब्ध कराने से है। वीवर्क दुनिया की प्रमुख कोवर्किंग कंपनियों में गिनी जाती है। ग्लोबल वीवर्क ने दिवाला संरक्षण के चैप्टर 11 के तहत यह आवेदन किया है। इसके साथ ही कंपनी ने अपने कर्ज को कम करने तथा बही-खाते को दुरुस्त करने के लिए व्यापक पुनर्गठन प्रक्रिया शुरू की है। इस कंपनी का बिजनेस माडल यह था कि वह तमाम लैंडलार्ड्स से इमारतों को लीज पर लेकर आफिस स्पेस विभिन्न कंपनियों को उपलब्ध कराती है और इसके बदले रेंट वसूलती है।
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