मार्च 2023 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा भारत का रूस से क्रूड तेल आयात, अन्य देशों की हिस्सेदारी
Crude Oil Import : यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग के चलते पिछले महीनों में रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लग चुके हैं। कई देशों ने रूस से किनारा कर लिया है। हालांकि, भारत और रूस के रिश्ते इस दौरान भी मजबूर ही दिखाई दिए। यह एक बड़ा कारण है कि, इस दौरान भी भारत में रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ता नजर आया और यह बढ़कर मार्च 2023 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसके अलावा रूस से तेल आयात इराक की तुलना में अब दोगुना हो गया है। इस मामले में काफी जरूरी जानकारी एनर्जी कार्गो ट्रैकर वोर्टेक्सा द्वारा भी दी गई है।
यूक्रेन और रूस का क्रूड तेल आयात :
दरसल, भारत और रूस के अच्छे संबंधों के चर्चे लगभग सभी देशों में हैं। इसी बीच खबर है कि, भारत और रूस के बीच होने वाला कच्चे तेल का आयात मार्च, 2023 में है। आंकड़ों के अनुसार देंखे तो, कच्चे तेल का आयात पिछले महीने बढ़कर रिकॉर्ड स्तर यानी 16.4 लाख बैरल प्रतिदिन (BPD) पर पहुंच गया है। जबकि, रूस से होने वाला तेल आयात इराक की तुलना में दोगुना हो यानी 8.21 लाख बैरल प्रतिदिन (BPD) हो गया है। वहीं, एनर्जी कार्गो ट्रैकर वोर्टेक्सा द्वारा दी गई अहम् जानकारी के अनुसार, रिफाइनरी कंपनियां अन्य ग्रेड की तुलना में रियायती मूल्य पर उपलब्ध रूस से कच्चा तेल खरीद रही हैं। यह एक बड़ा कारण है कि, मार्च में रूस लगातार छठवें महीने में भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता नजर आया। इस भारी बढ़त के दर्ज होने से अब भारत के क्रूड तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी एक तिहाई से भी ज्यादा हो गई है। इस प्रकार वर्तमान समय में रूस की हिस्सेदारी 34% है।
पिछले साल से की गई तुलना :
यदि हम पिछले साल की बात करें तो, पिछले साल फरवरी (2022) में%20 यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की शुरुआत हुई थी। युद्ध के पहले भारत के क्रूड तेल आयात में रूस की बाजार हिस्सेदारी 1% से भी कम थी और तब भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता इराक हुआ करता था और यह तब से ही नहीं है इराक साल 202017-18 से ही भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता रहा है। यूक्रेन से शुरू हुए युद्ध बाद रूस पर कई पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं। ऐसे में रूस क्रूड ऑइल रियायती (Subsidized) मूल्य पर उपलब्ध है। जिसके कारण भारत रूस से जमकर क्रूड ऑइल खरीद रहा है।
इनका कहना :
उधर, वोर्टेक्सा की एशिया-प्रशांत (विश्लेषण) की प्रमुख सेरेना हुआंग ने कहा, 'भारत का मार्च के महीने में मासिक आधार पर रूस से होने वाला तेल आयात बढ़ा है, लेकिन इसकी वृद्धि दर धीमी होती नजर आई है।' इस मामले में उद्योग के अधिकारियों ने कहा, 'भारतीय रिफाइनरी कंपनियां 60 डॉलर से कम कीमत पर कच्चे तेल का आयात कर रही हैं।' गौरतलब है कि, रूस की हिस्सेदारी अमेरिका 5वें स्थान पर जा पहुंची हैं।
देशों की हिस्सेदारी :
रूस की हिस्सेदारी मार्च, 2023 में 1,6,46,311 रही जबकि, मार्च, 2022 में 68,600 थी। सऊदी अरब की हिस्सेदारी मार्च, 2023 में 9,86,288 रही जबकि, मार्च, 2022 में 8,72,683 थी।
इराक की हिस्सेदारी मार्च, 2023 में 8,21,952 रही जबकि, मार्च, 2022 में 11,39,880 थी।
यूएई की हिस्सेदारी मार्च, 2023 में 3,13,002 हो गई है।
अमेरिका की हिस्सेदारी मार्च, 2023 में 1,36,464 रही जबकि, मार्च, 2022 में 4,19,071थी।
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