वेतन में असमानता है उड़ानें रद्द होने की असली वजह, जानें क्यों मुश्किल में पड़ी विस्तारा

विस्तारा एयर इंडिया में विलय के पहले यह विमानन कंपनी मुश्किल में फंस गई है। पिछले दो तीन दिनों में कंपनी की कई उडा़ने रद्द करनी पड़ी हैं।
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हाईलाइट्स

  • विस्तारा एयरलाइन 300 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन करती है

  • विस्तारा टाटा समूह-सिंगापुर एयरलाइन्स की संयुक्त उद्यम, एयर इंडिया में होना है मर्जर

  • उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइन से फ्लाइट कैंसिलेशन-डिले को लेकर मांगी विस्तृत रिपोर्ट

राज एक्सप्रेस। टाटा समूह की विस्तारा के एयर इंडिया में विलय के पहले यह विमानन कंपनी मुश्किलों में फंस गई है। पिछले दो तीन दिनों में विमानन कंपनी की मुश्किलें काफी बढ़ती दिखाई दे रही हैं। इस दौरान विमानन कंपनी की कई उड़ाने रद्द करनी पड़ी हैं, जबकि कई के विलंब से चलने की खबर है। आइए जानने का प्रयास करते हैं कि विस्तारा इस स्थिति में कैसे जा पहुंची और इसका अगले दिनों में होने वाले विस्तार से क्या संबंध है। देखने में आ रहा है कि विस्तारा के कर्मचारियों ने पिछले कुछ समय से काम से दूरी बना ली है। इसी का नतीजा है कि उसके विमानों का परिचालन प्रभावित हो रहा है। इस बीच, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइन से बड़ी संख्या में फ्लाइट कैंसिलेशन और डिले को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

बता दें कि सोमवार को विस्तारा एयरलाइन की लगभग 50 उड़ानें रद्द की गई थीं। जबकि, 160 से अधिक विमान विलंब से उडा़न भरी थी। सूत्रों को आशंका है आज मंगलवार को भी करीब 70 उड़ानें रद्द करनी पड़ सकती हैं। हालांकि, कंपनी ने इस बारे में कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया है। विस्तारा एयरलाइन 300 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन करती है। इस कमय यह विमानन कंपनी प्रभावित यात्रियों का बैकलॉग हटाने के लिए घरेलू मार्गों पर बड़े आकार के ड्रीमलाइनर और एयरबस ए321 तैनात करने की योजना बना रही है।

विस्तारा टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइन्स का संयुक्त उद्यम कपनी है। इन दिनों एयर इंडिया में विस्तारा के विलय की प्रक्रिया जारी है। अब मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन ने पिछले हफ्ते रद्द और घंटों की देरी से उड़ी 100 से ज्यादा फ्लाइट को लेकर जवाब मांगा है। बता दें कि आज भी करीब 70 उड़ाने रद्द होने की उम्मीद है। विस्तारा अब पिछले काफी समय से पायलट्स की कमी और संचालन से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रही है। फ्लाइट्स के लगातार रद्द होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि एयरलाइन कैरियर को पिछले कुछ समय के दौरान चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

वजह यह है कंपनी के ए320 फ्लीट के फर्स्ट ऑफिसर्स नए कॉन्ट्रैक्ट के तहत अपने वेतन में कटौती का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि विस्तारा एयरलाइन, टाटा ग्रुप की एक कंपनी है। अब खबर है कि एयर इंडिया और विस्तारा एयरलाइंस के विलय के तहत दोनों कंपनियों के क्रू को एक ही सैलरी स्ट्रक्चर के तहत लाने की योजना है। नए कॉन्ट्रैक्ट में विस्तारा के पायट्स को 40 घंटे की उड़ान के बदले तय वेतन मिलेगा। वहीं अगर वे अतिरिक्त उड़ान भरते हैं तो उन्हें अलग से सैलरी मिलेगी। बता दें कि विस्तारा के पायलट्स को फिलहाल 70 घंटे की उड़ान के तहत सैलरी मिलती है।

नए सैलरी स्ट्रक्चर के बाद विस्तारा के पायलट्स में नाराजगी है क्योंकि इससे उनकी सैलरी कम हो जाएगी। हाल के महीनों में कई पायलट्स ने बीमार होने की भी जानकारी दी है। चालक दल की अनुपलब्धता विमानों के देर होने और रद्द होने का कारण बनी है। विशेष रूप से पिछले 2-3 दिन विस्तारा विमानन कंपनी के लिए चिंताजनक बनी हुई है। विस्तारा विमानन कंपनी के एक कर्मचारी ने कहा, मुद्दा यह है कि विलय के बाद बनने वाली एयरलाइन में हम किस स्तर पर होंगे। सूत्रों का कहना है कि विस्तारा का एयर इंडिया में विलय के बाद वरिष्ठ भूमिकाओं पर तो अधिक असर नहीं पड़ेगा पर विस्तारा के अन्य कर्मियों को समायोजित करने की बहुत गुंजाइश नहीं है।

हालांकि इससे पहले, एयरएशिया इंडिया के एयर इंडिया एक्सप्रेस में विलय के दौरान इसी तरह की समस्या देखने को नहीं मिली थी। उल्लेखनीय है कि विस्तारा का एयर इंडिया में मार्च 2024 तक विलय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। फिलवक्त विलय की प्रक्रिया जारी है। विस्तारा एयरलाइंस में टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस दोनों की हिस्सेदारी है। विलय से पहले विस्तारा में सिंगापुर एयरलाइंस की 51 फीसदी की हिस्सेदारी है जबकि टाटा संस की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बताया जाता है कि विलय के बाद एयर इंडिया में सिंगापुर एयरलाइंस की हिस्सेदारी कम होकर 25 फीसदी रह जाएगी।

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