तो पीएम का सपना पूरा करना होगा मुश्किल - गडकरी

गुटबंदी के आरोप अतीत में भी लगते रहे हैं, विशेष रूप से रियल एस्टेट इंडस्ट्री के द्वारा, जो इनकी ऊंची कीमतों के कारण प्रभावित होता है।
तो पीएम का सपना पूरा करना होगा मुश्किल - गडकरी
तो पीएम का सपना पूरा करना होगा मुश्किल - गडकरीSocial Media

हाइलाइट्स :

  • गडकरी की चेतावनी

  • स्टील-सीमेंट इंडस्ट्री में गुटबाजी!

  • बुनियादी ढांचा परियोजनाओँ पर चिंता

  • BAI के कार्यक्रम में रखे अपने विचार

राज एक्सप्रेस। सड़क परिवहन और राजमार्ग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री गडकरी ने 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के पूरा होने पर संशय जताया है।

(BAI) का कार्यक्रम -

बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक आभासी कार्यक्रम में मिनिस्टर ने कहा कि अगर स्टील और सीमेंट की कीमतें बढ़ती रहेंगी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के सपने को पूरा करना मुश्किल होगा।

उन्होंने यह बात अर्थव्यवस्था की सहायता के लिए अगले पांच सालों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लक्ष्य की ओर इशारा करते हुए कही।

नियामक जरूरी -

सेक्टर में एक नियामक की स्थापना की दिशा में चर्चा करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि स्टील और सीमेंट उद्योग के बड़े खिलाड़ी कार्टेलाईजेशन यानी गुटबंदी की दिशा में अग्रसर हैं।

यह गौर करने वाली बात है कि इस तरह की गुटबंदी के आरोप अतीत में भी लगते रहे हैं, विशेष रूप से रियल एस्टेट इंडस्ट्री के द्वारा, जो इनकी ऊंची कीमतों के के कारण प्रभावित होता है। इस शनिवार को बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) द्वारा आयोजित एक आभासी कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि स्टील और सीमेंट वास्तव में हम सभी के लिए एक समस्या है। वास्तव में मुझे लगता है कि सीमेंट और स्टील में कुछ बड़े लोग ऐसा कर रहे हैं।

पीएम से की गहन चर्चा -

मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है और पीएमओ में प्रधान सचिव के साथ भी इस पर गहन मंथन हुआ है।

फिर कैसे बढ़ोत्तरी -

मिनिस्टर गडकरी ने आश्चर्य जताया कि स्टील उद्योग के सभी खिलाड़ियों की अपनी लौह अयस्क खदानें हैं, और उन्हें श्रम या बिजली दरों में किसी भी बढ़ोतरी का सामना नहीं करना पड़ता है फिर कैसे स्टील उद्योग कीमतों में बढ़ोतरी कर रहा है।

दोनों इंडस्ट्री उठा रहीं फायदा -

उन्होंने कहा कि सीमेंट उद्योग कीमतों में बढ़ोतरी करके स्थिति का फायदा उठा रहा है। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों उद्योगों का रुख राष्ट्रीय हित में नहीं है।

समाधान की तलाश -

गडकरी ने कहा कि हम इस समस्या का समाधान निकालने की दिशा में प्रयासरत हैं। आपकी (बीएआई की) सिफारिशों में से एक स्टील और सीमेंट के लिए एक नियामक के लिए है, जो एक अच्छा सुझाव भी है। मैं इस पर गौर करूंगा, गडकरी ने कहा। स्टील और सीमेंट के नियामकों के लिए आपका (BAI's) एक सुझाव बेहद काम का है। मै इस कीमती सुझाव पर काम करूंगा।

बहुत चिंतित हूं -

हालांकि, मिनिस्टर गडकरी ने माना कि एक नियामक का होना उनके हाथ में नहीं है। उन्होंने इस प्रस्ताव को लाने के लिए वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री से बात करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि यह उन महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है जिन पर मैं भी बहुत चिंतित हूं।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, BAI ने मंत्री के साथ बैठक के दौरान सरकारी अनुबंधों के खिलाफ बिलों के जल्द भुगतान, जीएसटी कार्य सुव्यवस्थित करने और राज्य सरकारों के अधीन रॉयल्टी के जल्द भुगतान के लिए भी अनुरोध किया।

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