बिहार में है देश के सबसे बड़े स्वर्ण भंडार के साथ अन्य कीमती पदार्थ की मौजूदगी

बिहार के जमुई जिले में स्वर्ण भंडार होने की आशंका के चलते देश के सबसे बड़े स्वर्ण भंडार को खोज निकालने की प्रक्रिया जल्द शुरू करने की खबर है। जबकि, बिहार में अन्य कीमती पदार्थ की मौजूदगी की भी खबर है।
बिहार में है देश के सबसे बड़े स्वर्ण भंडार के साथ अन्य कीमती पदार्थ की मौजूदगी
बिहार में है देश के सबसे बड़े स्वर्ण भंडार के साथ अन्य कीमती पदार्थ की मौजूदगीSocial Media

बिहार, भारत। क्या बिहार के जमुई में मिले सोने के भंडार को प्राप्त करने के बाद भारत एक बार फिर सोने की चिड़िया कहलाएगा? दरअसल, बिहार के जमुई जिले में भारत का सबसे बड़ा स्‍वर्ण भंडार मिलने की खबर सामने आई है। इस भंडार के मिलने के बाद से बिहार चर्चा का मुख्य विषय बना हुआ है। हालांकि, जमुई जिले में इस आशंका के चलते ‘देश के सबसे बड़े स्वर्ण भंडार' को खोज निकालने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू करने की भी खबर है। जबकि, बिहार में अन्य कीमती पदार्थ की मौजूदगी की भी खबर है। इस मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है।

बिहार में मिले सबसे बड़ा सोना भंडार :

दरअसल, बिहार में जमुई जिले से देश का सबसे बड़ा सोना भंडार मिलने कि खबर सामने आई है। इस भंडार के मिलने के बाद बिहार भारत का धनी राज्‍य बन गया है। इस बहुमूल्य धातु सोने की खदान में इतना स्‍टाक है, जितना पूरे देश में अब तक कहीं नहीं पाया गया है। इस बात की पुष्टि पिछले साल केंद्र सरकार ने संसद में की थी। वहीं, अब भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि, जमुई जिले में 37.6 टन खनिज युक्त अयस्क समेत लगभग 22.28 करोड़ टन सोने का भंडार मौजूद है। इस मामले की जानकारी देते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (Additional Chief Secretary) सह खान आयुक्त हरजोत कौर बम्हरा ने बताया कि, 'राज्य का खान और भूतत्व विभाग जमुई में सोने के भंडार की खोज के लिए जीएसआइ और राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) सहित अन्वेषण में लगी अन्य एजेंसियों के साथ परामर्श कर रहा है। GSI के निष्कर्षों का विश्लेषण करने के बाद परामर्श प्रक्रिया शुरू की गयी है।'

सर्वेक्षण की रिपोर्ट :

सर्वेक्षण के बाद सामने आई रिपोर्ट में बताया गया है कि, जमुई जिले के करमाटिया, झाझा और सोनो जैसे क्षेत्रों में सोना होने के संकेत मिले थे। जबकि, गया और औरंगाबाद जिले की सीमा पर मदनपुर प्रखंड के डेंजना और आसपास के इलाकों में करीब आठ वर्ग किमी क्षेत्र में निकिल होने के संकेत हैं। जिसका इस्तेमाल हवाई जहाज और मोबाइल के निर्माण में बड़े स्तर पर किया जाता है। वहीं, पोटाश की बात करें तो, रोहतास जिले में लगभग 25 वर्ग किमी इलाके में पोटाश पाया गया है। इसमें रोहतास जिले का नावाडीह प्रखंड में 10 वर्ग किमी, टीपा प्रखंड में आठ किमी और शाहपुर प्रखंड में सात किमी का इलाका शामिल है. पोटाश का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर औषधि और रासायनिक खाद तैयार करने में किया जाता है।

बिहार में है कीमती पदार्थ की मौजूदगी :

गौरतलब है कि, बिहार में सोने की मौजूदगी के साथ ही निकिल, क्रोमियम, पोटाश और कोयला के भी भंडार मौजूद होने की खबर है। बिहार के इन जिलों में पाए जाने की आशंका है -

  • जमुई में सोने के बड़े भंडार

  • औरंगाबाद में निकिल और क्रोमियम के बड़े भंडार

  • गया में पोटाश के बड़े भंडार

  • भागलपुर में कोयला के बड़े भंडार

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