राज एक्सप्रेस। जब भी आप मार्केटिंग करने किसी बड़ी शॉप या मॉल जाते हैं तो, वह आपको आपके सामान के साथ बिना जानकारी दिए कैरी बैग देते है और उसके लिए आपसे बिलिंग के समय पैसे वसूलते है। कई बार ग्राहक को बिना जानकारी के और न चाहते हुए भी उसका भुगतान करना पड़ता है, लेकिन अब से ऐसा नहीं होगा। क्योंकि, उपभोक्ता आयोग ने बिग बाजार द्वारा दायर एक अपील को खारिज करते हुए इसे गलत ठहराया है।
अनुचित व्यापार व्यवहार :
दरअसल, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने किसी दुकान या रिटेल आउटलेट के भुगतान काउंटर पर ग्राहक को बिना जानकारी दिए उससे कैरी बैग के नाम पर एक्स्ट्रा पैसे वसूलने को अनुचित व्यापार व्यवहार (अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस) बताते हुए गलत करार दिया है। आयोग का कहना है कि, ग्राहकों के साथ ऐसा करना गलत है और ग्राहकों को खरीदारी करते समय कुछ भी खरीदने से पहले संपूर्ण जानकारी जानने का हक है। बता दें, आयोग ने इस बारे में फैसला मशहूर रिटेल आउटलेट बिग बाजार द्वारा दायर एक याचिका को खारिज करते समय सुनाया।
आयोग का फैसला :
उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि, 'ग्राहकों को खरीदारी से पहले यह जानने का हक है कि, उससे कैरी बैग के नाम पर अतिरिक्त रकम ली जाएगी। ग्राहकों को गुप्त निर्देश व कैरी बैग की कीमत के बारे में खरीदारी से पूर्व जानने का अधिकार है।' बता दें, बिग बाजार द्वारा भुगतान काउंटर पर कैरी बैग के बदले ग्राहकों से 18 रुपये वसूलने को एक ग्राहक ने उपभोक्ता अदालत में चुनौती दी थी। शिकायतकर्ता ने कोर्ट में कहा कि, 'बिना पूर्व नोटिस या जानकारी दिए ग्राहकों से कैरी बैग के लिए अतिरिक्त रकम वसूलना गलत है।
कंपनी पर लगा जुर्माना :
बताते चलें, जिला उपभोक्ता अदालत ने बिग बाजार द्वारा कैरी बैग के बदले वसूली जाने वाली रकम को अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस बताया था। इसके बाद यही बात बाद में राज्य उपभोक्ता अदालत ने भी दोहराई थी। इस मामले को सुनने के बाद आयोग ने बिग बाजार को शिकायतकर्ता को कैरी बैग के बदले लिए गए पैसे तुरंत वापस करने को कहा। साथ ही कंपनी पर जुर्माना भी लगाया था। इसके बाद राज्य उपभोक्ता आयोग के आदेश को बिग बाजार ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी थी।
आयोग ने जांच में पाया :
आयोग ने जांच में पाया कि, बिग बाजार पहले ग्राहकों को पॉलीथीन का कैरी बैग मुफ्त में प्रदान कराता था। बाद में कंपनी ने पॉलीथीन का कैरी बैग को कपड़े के कैरी बैग में बदल दिया। फिर कंपनी ग्राहकों से अलग से पैसे लेना शुरू कर दिया। इसके लिए कंपनी ने न ही कोई नोटिस दिया और न ही ग्राहकों को पहले से कोई जानकारी दी। इस बारे में आयोग का कहना है कि, 'ऐसा करना ग्राहकों पर जबरन अतिरिक्त शुल्क थोपना है।'
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