NCLT ने आखिरी बार बढ़ाई डेडलाइन, गो फर्स्ट एयर को 60 दिन के भीतर खोजना होगा खरीदार

गो फर्स्ट की कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने 60 दिन के लिए स्थगित कर दिया है।
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हाईलाइट्स

  • गो फर्स्ट की कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस दो दूसरी बार बढ़ाया गया है

  • इस दो माह के भीतर गो फर्स्ट को अपने लिए खरीदार खोजना जरूरी है

  • इससे पहले नवंबर 2023 में एनसीएलटी ने 90 दिनों के लिए बढ़ाई थी इसकी मियाद

राज एक्सप्रेस । संकटग्रस्त विमानन कंपनी गो फर्स्ट की कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने 60 दिन के लिए स्थगित कर दिया है। एनसीएलटी ने कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस को दो माह आगे बढ़ाने का निर्णय इस जानकारी के बाद दिया कि तीन पार्टियों ने गो फर्स्ट को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। गो फर्स्ट के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की ओर से पेश दिवाकर माहेश्वरी ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट में बताया कि बयाना राशि जमा कर दी गई है।

इसकी वजह से गो फर्स्ट के लेंडर्स ने बहुमत से सीाईआरपी को आगे बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया है। रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने बताया कि गो फर्स्ट को खरीदने की इच्छुक तीनों पार्टियां अपना रिजॉल्यूशन प्लान 15 फरवरी तक सबमिट कर सकती हैं। पिछले साल दिसंबर 2023 में यह जानकारी सामने आई थी कि गो फर्स्ट को खरीदने के लिए स्पाइसजेट, शारजाह की स्काई वन और अफ्रीका की सैफरिक इनवेस्टमेंट्स ने दिलचस्पी दिखाई है। एनसीएलटी ने गो फर्स्ट के इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस को दूसरी बार आगे बढ़ाया है।

इससे पहले 23 नवंबर 2023 को एनसीएलटी ने 90 दिनों के लिए इसकी मियाद बढ़ाई थी, जो 4 फरवरी को पूरी हो गई। 60 दिनों की जो मियाद बढ़ी है, उसकी गिनती 4 फरवरी से की जाएगी। यह विस्तार आखिरी बार है क्योंकि नियमानुसार कारपोरेट इन्साल्वेंसी प्रासेस को 330 दिनों के भीतर पूरा करना अनिवार्य है। निजी विमानन कंपनी 330 दिनों के भीतर कोई खरीदार नहीं तलाश पाती है, तो यह लिक्विडेट हो सकती है।

भारी वित्तीय समस्याओं से संघर्ष कर रही गो फर्स्ट ने पिछले साल 2 मई 2023 को सेक्शन 10 के तहत कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूश प्रोसेस के लिए एनसीएलटी के पास आवेदन किया था। 10 मई 2023 को एनसीएलटी ने उसकी याचिका स्वीकार कर ली थी । इस मुद्दे के हल के लिए एक रिजॉल्यूशल प्रोफेशनल का गठन किया था। हालांकि गो फर्स्ट को विमान लीज पर देने वालों ने एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में याचिका लगा दी। उनका कहना था कि उनकी संपत्तियों को उनसे लिया जाना ठीक नहीं है, क्योंकि मोरेटोरियम से लीज पहले ही खत्म हो चुकी थी।

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