अब आप अपनी मर्जी से चुन सकेंगे क्रेडिट कार्ड नेटवर्क, आरबीआई ने जारी की नई गाइडलाइन

आरबीआई ने क्रेडिट-कार्ड जारी करने वाले बैंक और एनबीएफसी के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। क्रेडिट कार्ड लेते समय अब आपको अपना नेटवर्क चुनने की आजादी मिलेगी।
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हाईलाइट्स

  • देश में इस समय 8 करोड़ से ज्यादा क्रेडिट कार्ड यूजर हैं

  • देश में तेजी से बढ़ रही है क्रेडिट कार्ड यूजर्स की संख्या

  • इस साल 10 करोड़ संख्या पार कर जाएगी कार्ड्स की संख्या

राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रेडिट कार्ड नेटवर्क और कार्ड जारीकर्ता बैंक और एनबीएफसी के लिए नई गाइड लाइन जारी की है। नई गाइडलाइन के अनुसार क्रेडिट कार्ड लेते समय आपको अपना मनमाफिक नेटवर्क चुनने की आजादी मिलेगी। अब कार्ड जारीकर्ता को अपने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड जारी करते समय एक से ज्यादा कार्ड नेटवर्क में से चुनने का ऑप्शन देना होगा। बैंकों को ग्राहक से पूछना होगा कि उन्हें किस नेटवर्क का क्रेडिट कार्ड चाहिए। इसी तरह, पुराने क्रेडिट कार्ड यूजर्स को कार्ड रिन्यू कराते समय कार्ड नेटवर्क बदलने का विकल्प दिया जाएगा।

बता दें कि हर क्रेडिट कार्ड का एक वैलिडिटी पीरियड होता है, जो एक, दो, तीन साल या इससे अधिक का हो सकता है। आरबीआई की नई गाइडलाइन के अनुसार एक्सपायरी पर आप अपना नेटवर्क बदल सकेंगे। आरबीआई की नई गाइडलाइन के अनुसार ये नियम उन संस्थाओं पर लागू नहीं किए जाएंगे, जिनके द्वारा जारी कार्ड की संख्या 10 लाख या उससे कम है। साथ ही जो कार्ड जारीकर्ता अपने स्वयं के अधिकृत कार्ड नेटवर्क पर क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं, उन्हें इससे बाहर रखा गया है। ये नियम नोटिफिकेशन की तिथि से 6 माह तक प्रभावी रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में भारत में 5 कार्ड नेटवर्क कंपनियां- वीजा, मास्टर कार्ड, रूपे, अमेरिकन एक्सप्रेस और डिनर क्लब आदि हैं। इन कंपनियों का अलग-अलग फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन के साथ करार है। इसी वजह से ग्राहकों को अपनी पंसद का कार्ड नेटवर्क चुनने का विकल्प नहीं मिलता है। इस सुविधा से यूजर्स को क्या लाभ होगा ? दरअसल, कुछ कार्ड नेटवर्क क्रेडिट कार्ड पर अन्य के मुकाबले ज्यादा सालाना फीस चार्ज करते हैं।

ऐसे में अगर कोई बैंक आपको एक से ज्यादा कार्ड नेटवर्क का ऑप्शन नहीं देता है तो आपको मजबूरी में उसी नेटवर्क पर बने रहना होगा, जो ज्यादा फीस वसूल रहा है। अब एक से ज्यादा कार्ड नेटवर्क का ऑप्शन मिलने की स्थिति में आप अपनी जरूरत और सुविधा के लिहाज से नेटवर्क बदल सकते हैं। दुनिया की सबसे बड़ी कार्ड कंपनी है वीजा है। इसकी मौजूदगी 200 से ज्यादा देशों में है। इसका मार्केट कैप 489.50 बिलियन यानी करीब 40 लाख करोड़ रुपए है। वीजा के बाद दुनिया की दूसरी सबसे पॉपुलर कैशलेस पेमेंट कंपनी मास्‍टरकार्ड है।

मास्टरकार्ड की इस समय 150 से अधिक देशों में मौजूदगी है। कंपनी का वार्षिक मार्केट कैप करीब 30 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। रुपे भारत में अपनी तरह का पहला घरेलू डेबिट और क्रेडिट कार्ड पेमेंट नेटवर्क है। यह नाम रुपे और पेमेंट दो शब्दों से मिलकर बना है। विदेशी कार्ड नेटवर्क्स की मोनोपॉली को खत्म करने के लिए मार्च 2012 में इसे लॉन्च किया गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल, 2023 तक भारत में 8.6 करोड़ क्रेडिट कार्ड सर्कुलेशन में थे। यह संख्या 2022 के अप्रैल में 7.5 करोड़ के मुकाबले 15% बढ़ी है। माना जा रहा है कि 2024 की शुरुआत में क्रेडिट कार्ड्स की संख्या 10 करोड़ की संख्या को पार कर लेगी।

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