गौतम अडानी पर टूटा मुसीबतों का पहाड़, फ्रीज हुए 43,500 करोड़ के खाते

गौतम अडानी मुश्किल में पढ़ गए है। उनकी मुश्किलों का कारण नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) द्वारा उनके 43,500 करोड़ के खातों को फ्रीज करना है।
गौतम अडानी पर टूटा मुसीबतों का पहाड़, फ्रीज हुए 43,500 करोड़ के खाते
गौतम अडानी पर टूटा मुसीबतों का पहाड़, फ्रीज हुए 43,500 करोड़ के खातेSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। पिछले साल से गौतम अडानी काफी चर्चा में रहे है। क्योंकि, पिछले साल के दौरान उन्होंने कई अधिग्रहण किए, लेकिन अब कुछ ऐसा हुआ है जिससे उनके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है और वह मुश्किल में पड़ गए हैं। उनकी मुश्किलों का कारण नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) द्वारा उनके 43,500 करोड़ के खातों को फ्रीज करना है।

43,500 करोड़ के खाते फ्रीज :

दरअसल, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) ने अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी के तीन विदेशी फंडों को फ्रीज कर बहुत बड़ा झटका देदिया है। इन विदेशी फंडों में अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड के खाते शामिल हैं। इनके पास अडानी ग्रुप की चार कंपनियों में 43,500 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर हैं। जानकारी के मुताबिक, इन खातों को 31 मई या उससे पहले फ्रीज कर दिया गया था। इस खबर के सामने आते ही अडानी के शेयरों में तेजी से गिरवाट देखने को मिली है।

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया :

प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस मामले विदेशी निवेशकों को संभालने वाले कस्टोडियन बैंकों और कानून फर्मों के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि, 'तीनों खातों पर मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के अनुसार लाभकारी स्वामित्व के बारे में अपर्याप्त जानकारी उपलब्ध कराने के कारण रोक लगायी गयी है।' इसी मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, 'कस्टोडियन आमतौर पर इस तरह की कार्रवाई से पहले अपने ग्राहकों को चेतावनी देते हैं, लेकिन अगर फंड जवाब नहीं देता है या अनुपालन करने में विफल रहता है, तो खातों को फ्रीज किया जा सकता है। अकाउंट फ्रीज होने का मतलब है कि, फंड न तो मौजूदा सिक्योरिटीज को बेच पायेंगे और न ही कोई नयी सिक्योरिटीज खरीद पायेंगे।'

नहीं मिला कोई जवाब :

इस मामले में NSDL, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और अदानी ग्रुप को भेजे गये ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला है। इसके अलावा खबरों की मानें तो, SEBI के पास विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के रूप में पंजीकृत हैं और मॉरीशस से बाहर हैं। संस्थाएं, जो पोर्ट लुइस में एक ही पते पर पंजीकृत हैं और जिनके पास वेबसाइट नहीं है। इन कंपनियों के पास अडानी एंटरप्राइजेज (NSE) में 6.82%, अडानी ट्रांसमिशन में 8.03% और अडानी टोटल गैस में 5.92% और अडानी ग्रीन में 3.58% हिस्सेदारी है। इसकी कुल वैल्यू देखि जाये तो, वो 43,500 करोड़ रुपये से अधिक है।

अडानी ग्रुप फर्म का बयान :

अडानी ग्रुप फर्म ने एक बयान जारी कर कहा है कि, 'हमने उपरोक्त फंड के डीमैट खाते की स्थिति के संबंध में रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट से अनुरोध किया है और उनके ई-मेल तारीख 14 जून, 2021 के माध्यम से उनकी लिखित पुष्टि प्राप्त की है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि, डीमैट खाता जिसमें उपरोक्त फंड के शेयर कंपनी के हैं, उन्हें फ्रीज नहीं किया गया है. हम यह पत्र व्यापक जनहित में और निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए जारी कर रहे हैं।'

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