ONGC ने जारी किए बीते वित्त वर्ष 2021-22 के ताजा आंकड़े, कंपनी को हुआ मुनाफा

'ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन' (ONGC) कंपनी द्वारा बीते वित्त वर्ष (2021-22) ताजा आंकड़े जारी किये गए हैं। जी हां, कंपनी द्वारा जारी किए ताजा आंकड़ों के अनुसार, कंपनी को मुनाफा हुआ है।
ONGC ने जारी किए बीते वित्त वर्ष 2021-22 के ताजा आंकड़े
ONGC ने जारी किए बीते वित्त वर्ष 2021-22 के ताजा आंकड़े Syed Dabeer Hussain - RE

ONGC Profit : कोरोना काल के दौरान और अब की तुलना की जाए तो देश-विदेश की बहुत सी कंपनियां ऐसी हैं, जो या तो अब बहुत ज्यादा मुनाफे में चल रही है या तो बहुत घाटा झेल रही है। जिन कंपनियों को पहले घाटा हुआ है वह भी अब नुकसान से बाहर आ चुकी है। इन्हीं कंपनियों में सार्वजनिक क्षेत्र की ऑइल कंपनी 'ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन' (ONGC) भी शामिल है। इस बात का पता कंपनी द्वारा जारी किये गए बीते वित्त वर्ष (2021-22) ताजा आंकड़ों से चला है। जी हां, कंपनी द्वारा जारी किए ताजा आंकड़ों के अनुसार, कंपनी को मुनाफा हुआ है।

ONGC का शुद्ध लाभ :

दरअसल, हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र की ऑइल कंपनी 'ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन' (ONGC) ने अपने बीते वित्त वर्ष (2021-22) के आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, कंपनी को इस दौरान 40,305 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड शुद्ध लाभ हुआ है। बता दें, कंपनी को यह रिकॉर्ड मुनाफा कच्चे तेल के उत्पादन पर हाई रेट मिलने के चलते हुआ है। इस रिकॉर्ड मुनाफे के बाद अब भारत में रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद ONGC देश की दूसरी सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी बन गई है। इस बारे में जानकारी देते हुए ONGC ने एक बयान जारी किया है। इस बयान में कंपनी ने कहा है कि, 'बीते वित्त वर्ष में कंपनी के शुद्ध लाभ में 258% की बढ़त दर्ज की गई है। इस बढ़त के बाद कंपनी का मुनाफा 40,305.74 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। जबकि उससे पिछले वित्त वर्ष (2020-21) में कंपनी को कुल 11,246.44 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।'

कच्चे तेल के उत्पादन और बिक्री :

कंपनी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने प्रत्येक बैरल कच्चे तेल के उत्पादन और बिक्री पर 76.62 डॉलर कमाया है। जबकि, पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने प्रत्येक बैरल कच्चे तेल के उत्पादन पर 42.78 डॉलर कमाए थे। जो कि, ONGC को कच्चे तेल के उत्पादन पर मिलने वाली सबसे ऊँची कीमत है। कच्चे तेल की कीमतों में यह जोरदार बढ़त रूस के यूक्रेन पर हमले के चलते देखने को मिल रही है। जो कि, 14 साल के उच्चस्तर यानी 139 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है।

2008 में थी कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर :

बताते चलें, साल 2008 में कच्चे तेल की कीमतें 147 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी, लेकिन उस समय ONGC को पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों को सब्सिडी उपलब्ध करानी पड़ी थी। जिसके चलते प्राप्ति कम हुई थी, लेकिन अब ONGC को अंतरराष्ट्रीय कीमतों के हिसाब से प्राप्ति हो रही है क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलयम कंपनियां भी पेट्रोल, डीजल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों के दाम वैश्विक दरों के हिसाब से तय करती हैं।

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