दिल्ली, भारत। देश में जारी कोरोना कोरोना संकटकाल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज गुरुवार को 'ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन' और 'कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने' के लिए एक नए खास प्लेटफॉर्म देश को समर्पित कर टैक्सपेयर्स को तोहफा दिया है।
टैक्स सिस्टम की नई व्यवस्था का लोकार्पण :
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के ईमानदार टैक्सपेयर्स के लिए 'पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान' (Transparent Taxation – Honoring the Honest) मंच की शुरुआत की है। इस दौरान PM मोदी ने कहा कि, ''देश में चल रहा structural reforms का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है। 'पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान' 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का आज लोकार्पण किया गया है।''
इस प्लेटफॉर्म में फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म्स हैं, में फेसलेस असेसमेंट और टैक्सपेयर्स चार्टर आज से लागू हो गए हैं। Honoring the Honest- ईमानदार का सम्मान। देश का ईमानदार करदाता राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जब देश के ईमानदार करदाता का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है, देश भी आगे बढ़ता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
PM मोदी ने बताया रिफार्म (Reform) का मतलब है :
हमारे लिए रिफार्म का मतलब है- Reform नीति आधारित हो Reform टुकड़ों में नहीं हो, Reform, Holistic हो, एक Reform दूसरे Reform का आधार बने, नए Reform का मार्ग बनाए और ऐसा भी नहीं है कि एक बार Reform करके रुक गए। ये निरंतर, सतत चलने वाली प्रक्रिया है।
Reform के प्रति भारत की इसी प्रतिबद्धता को देखकर विदेशी निवेशकों का विश्वास भी भारत पर लगातार बढ़ रहा है। कोरोना के इस संकट के समय भी भारत में रिकॉर्ड FDI का आना इसी का उदाहरण है।
5 लाख रुपये की आय पर अब टैक्स जीरो :
पीएम ने आगे ये भी कहा कि, पहले 10 लाख रुपये के ऊपर के विवादों को लेकर सरकार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाती थी। 'विवाद से विश्वास' जैसी योजना से कोशिश ये है कि ज्यादातर मामले कोर्ट से बाहर ही सुलझ जाएं प्रक्रियाओं की जटिलताओं के साथ-साथ देश में Tax भी कम किया गया है। 5 लाख रुपये की आय पर अब टैक्स जीरो है। बाकी स्लैब में भी टैक्स कम हुआ है। कॉर्पोरेट टैक्स के मामले में हम दुनिया में सबसे कम Tax लेने वाले देशों में से एक हैं।
इस दौरान पीएम मोदी ने ये भी बताया कि, वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 परसेंट की स्क्रूटनी होती थी। वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 परसेंट पर आ गया है। स्क्रूटनी का 4 गुना कम होना, अपने आप में बता रहा है कि बदलाव कितना व्यापक है। इन सारे प्रयासों के बीच बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब 2.5 करोड़ की वृद्धि हुई है, लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है।
टैक्सपेयर्स चार्टर देश की विकास यात्रा में बड़ा कदम :
पीएम मोदी कहा, ''बीते 6 सालों में भारत ने टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन में गवर्नेंस का एक नया मॉडल विकसित होते देखा है, अभी तक होता ये है कि जिस शहर में हम रहते हैं, उसी शहर का टैक्स डिपार्टमेंट हमारी टैक्स से जुड़ी सभी बातों को हैंडल करता है। स्क्रूटनी हो, नोटिस हो, सर्वे हो या फिर ज़ब्ती हो, इसमें उसी शहर के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की, आयकर अधिकारी की मुख्य भूमिका रहती है। टैक्सपेयर्स चार्टर भी देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है।''
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