एसोचैम के स्थापना सप्ताह में PM मोदी ने उद्योग जगत पर कही ये बड़ी बातें

एसोचैम के स्थापना सप्ताह कार्यक्रम में PM मोदी ने रतन टाटा को अवॉर्ड प्रदान किया। इसके बाद अपने संबोधन में PM मोदी ने अर्थव्यवस्था, आत्मनिर्भर भारत, नई टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग को लेकर ये बातें कही
एसोचैम के स्थापना सप्ताह में PM मोदी ने उद्योग जगत पर कही ये बड़ी बातें
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दिल्‍ली, भारत। देश में महामारी कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अन्‍य हिस्‍सों में आयोजित कार्यक्रमों में वर्चुअल माध्‍यम से शामिल हो रहे हैं। आज 19 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्योग मंडल एसोचैम के स्थापना सप्ताह को संबोधित किया।

रतन टाटा को दिया अवॉर्ड :

एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऑफ इंडिया (एसोचैम) के स्थापना सप्ताह कार्यक्रम के मौके पर PM मोदी ने टाटा समूह की ओर से रतन टाटा को ‘एसोचैम एंटरप्राइज ऑफ दी सेंचुरी अवॉर्ड’ प्रदान किया। तो वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में उद्योग जगत पर कही ये बड़ी बातें कही।

अर्थव्यवस्था पर बोले PM मोदी :

उन्‍होंने कहा- बीते 100 सालों से आप सभी देश की अर्थव्यवस्था को करोड़ों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने का काम किया है। देश आज करोड़ों युवाओं को अवसर देने वाले उद्यम और धन निर्माता के साथ है। निवेश का एक और पक्ष है, जिसकी चर्चा आवश्यक है। ये है रिसर्च एंड टेवलपमेंट- आर एंड डी, पर होने वाला निवेश। भारत मेंआर एंड डी पर निवेश बढ़ाए जाने की जरूरत है।

मैन्युफेक्चरिंग पर हमारा विशेष फोकस :

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे ये भी कहा कि, ''नया भारत अपने सामर्थ्य पर भरोसा करते हुए, अपने संसाधनों पर भरोसा करते हुए आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ा रहा है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मैन्युफेक्चरिंग पर हमारा विशेष फोकस है। मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए हम निरंतर सुधार कर रहे हैं। भारत की सफलता को लेकर आज दुनिया में जितनी पॉजिटिविटी है उतनी शायद कभी नहीं रही। ये पॉजिटिविटी 130 करोड़ से ज़्यादा भारतीयों के अभूतपूर्व आत्मविश्वास से आई है।''

PM मोदी द्वारा कही गई बड़ी बातें-

  • हमारा चैलेंज सिर्फ आत्मनिर्भरता ही नहीं है, बल्कि हम इस लक्ष्य को कितनी जल्दी हासिल करते हैं, ये भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

  • एक जमाने में हमारे यहां जो परिस्थितियां थी, उसके बाद कहा जाने लगा था- वाय इंडिया (भारत ही क्यों)। अब जो सुधार देश में हुए हैं, उनका जो प्रभाव दिख रहा है, उसके बाद कहा जा रहा है- वाय नॉट इंडिया (भारत क्यों नहीं)।

  • आने वाले 27 साल भारत के ग्लोबल रोल को ही तय नहीं करेंगे, बल्कि ये हम भारतीयों के सपने और समर्पण, दोनों को टेस्ट करेंगे। ये समय भारतीय उद्योग के रूप में आपकी क्षमता, प्रतिबद्धता और साहस को दुनिया भर को दिखा देने का है।

  • इसलिए आज वो समय है, जब हमें प्लान भी करना है और एक्ट भी करना है। हमें हर साल के लिए, हर लक्ष्य को राष्ट्र निर्माण के एक बड़े लक्ष्य के साथ जोड़ना है।

  • आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भर भारत के लिए आपको पूरी ताकत लगा देनी है। इस समय दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति की तरफ तेज़ी से आगे बढ़ रही है। नई टेक्नॉलॉजी के रूप में चुनौतियां भी आएंगी और अनेक समाधान भी।

  • बीते 100 सालों से आप सभी ने देश की अर्थव्यवस्था को करोड़ों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने का काम किया है।

कब हुई थी एसोचैम की स्थापना :

जानकारी के लिए बताते चलें कि, एसोचैम की स्थापना देश के सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमोटर मंडलों द्वारा साल 1920 में की गई थी, इस संगठन में 400 से ज्यादा चैंबर और व्यापारिक संघ शामिल हैं। देशभर में इसके सदस्यों की संख्या 4.5 लाख से अधिक है और इस संगठन की शुरुआत मुख्य रूप से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार दोनों को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।

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