राज एक्सप्रेस। क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी करेंसी है, जो ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर कई नियम निर्धारित किए गए हैं। जिनमें समय-समय पर बदलाव किए जाते हैं। ज्यादातर निवेशक और ट्रेडर्स में रूचि रखते हैं। वहीं, अब सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमों में कुछ बदलाव करने को लेकर विचार कर रही थी। जिसकी जानकारी पिछले दिनों केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी थी। वहीं, अब RBI ने एक बार फिर रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपनी बात रखी।
RBI ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ रखी अपनी बात :
हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी को एलकार ऐसी खबरें सामने आई थीं कि, सरकार एक क्रिप्टोकरेंसी बिल ला सकती है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी को एक कमोडिटी की तरह देखा जाएगा। हालांकि, केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) वर्चुअल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई बार सचेत रहने की सलाह दे चुका है। इसके अलावा RBI ने साल 2018 में इनकी ट्रेडिंग पर प्रतिबंध भी लगाया था। कोर्ट ने इस प्रतिबंध को खारिज कर दिया था। इन दिनों मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी की काफी डिमांड है। हालांकि, केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) अब भी क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ ही है और इस मामले में अपनी बार रखते हुए कहा है कि,
"क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं। इसके साथ ही उन पर व्यापार करने वाले निवेशकों की तादाद के साथ उनके दावा किए गए बाजार मूल्य पर भी संदेह उत्पन्न करते हैं।"
केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI)
RBI गवर्नर का कहना :
केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास अब भी क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने के खिलाफ है। इस मामले में उन्होंने अपने विचार रखते हुए कहा कि, "क्रिप्टोकरेंसी किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए गंभीर खतरा हैं क्योंकि वे केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण के बाहर हैं। क्रिप्टोकरेंसी व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के नजरिए से एक गंभीर चिंता का विषय है। सरकार इस मुद्दे पर सक्रियता से विचार कर रही है और इस पर फैसला करेगी। लेकिन, केंद्रीय बैंकर के रूप में हमें इसके बारे में गंभीर चिंताएं हैं।"
उठ रहे सवालों पर RBI गवर्नर का उत्तर :
क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या और क्रिप्टोकरेंसी के बाजार मूल्य उठ रहे सवालों पर RBI गवर्नर दास ने कहा, "मैं इन नंबरों की सत्यता के बारे में निश्चित नहीं हूं। हालांकि, मेरा मानना पूरी तरह से सही नहीं हो सकता है, क्योंकि हमें इन मुद्राओं के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिलती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि ये हमारे द्वारा या किसी अन्य केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित नहीं होती हैं। लेकिन मुझे लगता है कि, इसके तहत निवेशकों की संख्या को थोड़ा बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जा रहा है। क्योंकि, लगभग 70 फीसद ऐसे निवेशक हैं, जिन्होंने इसके तहत केवल 1,000 रुपए तक का निवेश किया है।"
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