Rajeev Chandrashekhar
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अगले पांच-छह माह में पूरा हो जाएगा ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से जुड़ा विनियमनः राजीव चंद्रशेखर

आईटी-इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा एआई को नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। देश में एआई नियामक फ्रेमवर्क तैयार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

हाईलाइट्स

  • आईटी-इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री ने कहा एआई को नष्ट करना किसी भी तरह ठीक नहीं

  • नवाचार से पैदा चुनौतियों के प्रबंधन पर वैश्विक सहमति बनाने की पहल करेगा भारत

  • बहु-देशीय विचार-विमर्श के हिस्से के रूप में भारत चीन के साथ चर्चा के लिए तैयार

राज एक्सप्रेस। आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर एक प्रारंभिक नियामक ढांचा तैयार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि अगले पांच से छह माह में रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा देश तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी नवाचार से उत्पन्न चुनौतियों के प्रबंधन पर वैश्विक सहमति बनाने की पहल करेगा, जिसमें नौकरियों पर प्रभाव, व्यक्तियों की गोपनीयता, आयुधीकरण और स्मार्ट एल्गोज के अपराधिक प्रयोग जैसी चिंताएं शामिल होंगी हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि भारत बहु-देशीय विचार-विमर्श के हिस्से के रूप में चीन के साथ भी चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन उन्होंने कहा पड़ोसी देश को एआई को विनियमित करने के लिए अपने दृष्टिकोण और इरादों में ईमानदारी को शामिल करना होगा।

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हम सभी जानते हैं पिछले लगभग 10 सालों में हमने गलती से या अनजाने में विनियमन को नवाचार के पीछे जाने दिया है। इसी का नतीजा है कि आज, दुनिया के सभी देश सामूहिक रूप से इसकी कीमत चुका रहे हैं, क्योंकि हम सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर विषाक्तता और गलत सूचना के खतरे को साफ देख और उससे निपट रहे हैं। एआई में विषाक्तता और आयुधीकरण को अगले स्तर तक ले जाने की क्षमता है। जबकि विभिन्न देश विनियमन को नवाचार के पीछे छोड़ कर पहले ही बड़ी गलती कर चुके हैं। राजीव चद्रशेखर ने कहा कि इस समय जबकि, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को विनियमित करने की बात की जा रही है, तो हम आगे बढ़कर इसके लिए प्रयास शुरू कर सकते हैं।

हालाँकि, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को राक्षसी नहीं बनाना चाहता। उन्होंने बताया कि यूके में एआई सेफ्टी समिट 2023 में अपनी समापन टिप्पणी में मैंने सुरक्षित और विश्वसनीय एआई प्लेटफार्मों की जरूरत के बारे में बात की है, जो असुरक्षित और अविश्वसनीय प्लेटफार्मों से एकदम अलग हों। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि हमने प्रस्ताव दिया है कि एआई का इस हद तक दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए कि उसका अस्तित्व ही खत्म हो जाए। भारत में एआई को एक बड़े अवसर के रूप में देखा जा रहा है, जो ज्यादातर कामों को आसान बनाने वाला है और रोजगार के अनेक नए अवसर निर्मित करने वाला है।

राजी चंद्रशेखर ने कहा कि सुरक्षा और विश्वास के बारे में बात करते समय आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस या एआई से पैदा होने वाले संभावित खतरों पर भी गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। एआई से कार्यबल में व्यवधान, गोपनीयता पर प्रभाव, एआई का आयुधीकरण और अपराधीकरण जैसे विषयों पर हमें व्यापक विचार-विमर्श करने की जरूरत है। इसके साथ ही हम प्रतिबंधित अभिनेताओं के खिलाफ वैश्विक स्तर पर समन्वित कार्रवाई के रूप में क्या करते हैं, जो असुरक्षित और अविश्वसनीय मॉडल विकसित कर सकते हैं, जो डार्क वेब पर प्रचुरता से उपलब्ध हों, जिनका दुरुपयोग किया जा सकता है।

दुनिया के मशहूर कारोबारी एलन मस्क के इस बयान पर कि ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस नौकरियों के लिए विघटनकारी हो सकता है, रारीज चंद्रशेखर ने कहा कि यह कल्पना असामान्य नहीं हैं। हर नवाचार ने कार्यबल के किसी न किसी रूप में बदलाव का नेतृत्व किया है। इस बार भी वैसा ही होना तय है। इस बार केवल एक बात ही अलग होगी कि एआई का आगमन पिछले नवाचारों की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी के साथ होगा। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह प्रौद्योगिकी इतिहास में किसी भी बदलाव की तुलना में कहीं अधिक तेजी से घटित होगी और जरूरी साबित होगी। इस प्रकार, देशों और कंपनियों को कौशल और अन्य कारकों की रणनीतियों को सूक्ष्मता के साथ संरेखित करने की आवश्यकता होगी।

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार ग्लोबल पार्टनर फॉर एआई (जीपीएआई) शिखर सम्मेलन में इस विषय को आगे बढ़ाएगी, जो दिसंबर में भारत में आयोजित किया जाने वाला है। भारत इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा। हमें प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बनाए रखने की जरूरत है। यह कोई बातचीत नहीं है जो इस स्तर पर बनी रहनी चाहिए। हमें अगले तीन से छह महीनों में एक रूपरेखा तैयार करने की जरूरत है। हमें इसकी तात्कालिकता को स्पष्ट रूप से समझने की जरूरत है। नवाचार अब अत्यधिक गति से आगे बढ़ रहा है और एआई अब हमारे सामने है। राजीव चंद्रशेखर ने कहा सरकारें और नियमन बौद्धिक बहस में दो-तीन साल का समय नहीं बिता सकते। यह एक जरूरी मसला है, हम इस पर विचार विमर्श करते हुए ज्यादा समय नहीं बिता सकते। हमें जल्द से जल्द इस मुद्दे पर जरूरी नियमन तैयार करना होगा।

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