अडाणी हिंडनबर्ग केस में सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, 29 को सुनवाई करेगी शीर्ष अदालत
हाईलाइट्स
सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया अडानी-हिंडनबर्ग मामले में 24 मामलों की जांच कर रही थी, जिसमें से 22 की जांच पूरी हुई, 2 की अंतरिम रिपोर्ट दी है
2 जांच की फाइनल रिपोर्ट के लिए बाहरी एजेंसियों के अपडेट का इंतजार है, अंतरिम जांच में अडाणी की कंपनियों की 13 विदेशी यूनिट शामिल थीं
राज एक्सप्रेस । शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अडाणी हिंडनबर्ग मामले की जांच रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय को सौंप दी है। सेबी ने एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि अडानी-हिंडनबर्ग मामले में वह 24 मामलों की जांच कर रही थी, जिसमें से 22 की जांच की हो चुकी है और 2 की अंतरिम रिपोर्ट है। उसे 2 जांच की फाइनल रिपोर्ट के लिए बाहरी एजेंसियों के अपडेट का इंतजार है। सेबी ने कहा कि ‘जांच के नतीजों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। अंतरिम जांच में अडाणी की कंपनियों की 13 विदेशी यूनिट शामिल थीं।
सेबी ने एफपीआई पर देशों से डिटेल मांगी
सेबी ने एफपीआई पर पांच देशों से डिटेल मांगी है। एफपीआई लिस्टिड कंपनियों में नॉन-प्रमोटर्स/पब्लिक शेयरहोल्डर्स के ग्रुप का कंपोनेंट हैं। सेबी के मुताबिक, लिस्टिड कंपनियों को कम से कम 25 फीसदी एमपीएस बनाए रखना होगा। अपनी एक अंतरिम रिपोर्ट के लिए, सेबी ने कहा कि इसमें 13 विदेशी यूनिट्स शामिल हैं, जिन्हें अडानी ग्रुप की कंपनियों के पब्लिक शेयर होल्डर्स के रूप में कैटेगराइज किया गया था। सेबी ने कहा कि इन विदेशी निवेशकों से जुड़ी कई संस्थाएं टैक्स हेवन क्षेत्राधिकार में स्थित हैं, इसलिए 12 एफपीआई काे इकोनॉमिक इंट्रस्ट शेयर होल्डर्स स्थापित करना एक चुनौती बनी हुई है।
जनवरी में आई थी हिंडनबर्ग रिपोर्ट, अडाणी को दिया था झटका
जनवरी के आखिरी हफ्ते में हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें गौतम अडानी के ग्रुप पर सबसे बड़ा अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया था। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को आरोपों पर गौर करने और मार्च में गठित छह सदस्यीय पैनल को अपने निष्कर्ष सौंपने के लिए कहा था, जिसमें एक रिटायर्ड जज और अनुभवी बैंकर भी शामिल थे।
सेबी ने जांच के लिए मांगी थी 15 दिन की मोहलत
सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अपनी जांच पूरी करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए 14 अगस्त की समय सीमा तय की थी। मामला 29 अगस्त को सुनवाई के लिए लिस्टिड है। सेबी ने 14 अगस्त को जांच समाप्त करने और अडाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अपनी जांच की स्टेटस रिपोर्ट जमा करने के लिए कोर्ट 15 दिन की मोहलत मांगी थी। रेगुलेटर ने पहले 13 स्पेसिफिक डील्स की पहचान की थी, जिन पर वह गौर कर रहा था, कि क्या वे कानूनी रूप से रिलेटिड पार्टी ट्रांजेक्शन के अंतर्गत आते हैं।
सभी लोन कवर कर सकता है अडाणी समूह
अडाणी ग्रुप ने कहा उसके विशाल इंफ्रा कारोबार से जेनरेट कैश और बेनिफिट से आने वाले दशक में हर साल मैच्योर होने वाले सभी लोन को कवर कर सकता है। गुरुवार को जारी एक क्रेडिट रिपोर्ट में, अरबपति गौतम अडाणी द्वारा स्थापित पावर-टू-पोर्ट ग्रुप ने कहा कि मार्च के अंत तक बिजनेस ऑपरेशन और बैलेंस अमाउंट से उत्पन्न कैश फ्लो 77,890 करोड़ रुपये (9.4 बिलियन डॉलर) था। इससे कंपनी को इस वित्तीय वर्ष के बकाया कर्ज को कवर करने के लिए पर्याप्त लिक्विडिटी मिलती है।
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