एक साल में निफ्टी ने 23 फीसदी रिटर्न दिया, जबकि सेंसेक्स ने 20 फीसदी
पिछले बजट से इस बजट के बीच निफ्टी रियल्टी इंडेक्स ने दिया 160% रिटर्न
इस दौरान कैपिटल गुड्स इंडेक्स ने 75 % और पीएसयू बैंक का रिटर्न 61% रहा
राज एक्सप्रेस । इस साल आम चुनाव होने हैं। चुनावी साल होने की वजह से इस बार पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट से सभी सेक्टर्स को बड़ी उम्मीदें हैं। माना जा रहा है कि आम चुनाव से पहले पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट कुछ खास सेक्टर्स पर जोर देते हुए केंद्र सरकार कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती है। पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं कि आखिर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट में क्या-क्या घोषणाएं करने वाली हैं। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के इस आखिरी बजट से लोगों को बड़ी उम्मीदें लगा रखीं हैं। इस बजट से निवेशकों को भी बड़ी उम्मीदे्ं हैं। आइए, समझने का प्रयास करें कि इस बजट से निवेशकों को क्या उम्मीदें हैं। इस दौरान यह भी देखने का प्रयास करेंगे कि पिछले साल के बजट से इस साल के बजट के बीच भारतीय शेयर बाजार ने कैसा प्रदर्शन किया है।
सबसे पहले बीएसई के 50 शेयरों वाले बेंचमार्क निफ्टी के प्रदर्शन को देखने की कोशिश करें तो हम पाते हैं कि पिछले बजट से इस बजट के बीच नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के सूचकांक निफ्टी ने 23 फीसदी का रिटर्न दिया है। जबकि बीएसई के बेंचमार्क सेंसेक्स ने इस दौरान 20 फीसदी का रिटर्न दिया है। इस एक साल की अवधि में निफ्टी मिडकैप और निफ्टी स्मॉलकैप ने जबर्दस्त रिटर्न देखने को मिला है। पिछले बजट से इस बजट के बीच निफ्टी मिडकैप ने 60 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है जबकि इस दौरान निफ्टी स्माल कैप का रिटर्न 71 फीसदी रहा है।
पिछले साल के बजट से इस साल के बजट के बीच एनएसई के निफ्टी के रियल्टी इंडेक्स ने 160 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। जबकि, कैपिटल गुड्स इंडेक्स ने 75 फीसदी का रिटर्न दिया है, निफ्टी पीएसयू बैंक का रिटर्न 61 फीसदी रहा है। निफ्टी के ऑटो इंडेक्स ने 45 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि हेल्थकेयर इंडेक्स ने 42 फीसदी योगदान रहा है। फार्मा का रिटर्न 41 फीसदी रहा। निफ्टी मेटल इंडेक्स ने 25 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि निफ्टी प्राइवेट बैंक ने इस दौरान 13 फीसदी रिटर्न दिया है।
इस अवधि में अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी पोर्ट्स ने लाजवाब रिटर्न दिया है। अडाणी समूह ने बजट से बजट के बीचत 103 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है। बजाज ऑटो ने भी इस दौरान अच्छा प्रदर्शन किया। बजाज फाइनेंस ने पिछले बजट से इस बजट के बीच 97 फीसदी का रिटर्न दिया है। इस दौरान टाटा मोटर्स, एनटीपीसी, कोल इंडिया और ओएनजीसी का रिटर्न क्रमशः 94%, 89%, 80%, 78% रहा है। इस दौरान एलएंडटी ने 74 फीसदी का रिटर्न दिया है। आटो सेक्टर की प्रमुख कंपनी हीरो मोटोकॉर्प का रिटर्न 72 फीसदी रहा है। जबकि, टाटा समूह की कंपनी टाइटन ने 63 पर्सेंट रिटर्न दिया है।
माना जा रहा है कि यह साल निवेशकों के लिहाज से काफी अहम रहने वाला है। निवेशक उन सेक्टर्स के बारे में कयास लगा रहे हैं, जिनमें आज गुरुवार को अंतरिम बजट आने के बाद बढ़त देखने को मिल सकती है। माना जा रहा है कि कई सेक्टर्स हैं, जिनमें तात्कालिक, मध्यम और लंबी अवधि के लिहाज से निवेश के अच्छे मौके दिखाई दे सकते हैं। सबसे पहले उन सेक्टर पर गौर करने की जरूरत है, जिन्हें सरकार के पूंजीगत खर्च से फायदा होने वाला है। शेयर बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार इस साल एनर्जी, हेल्थ, ईवी, डिफेंस, आटो मोबाइल, इंफ्रा, कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी कंपनियों को विशेष लाभ होते दिख सकता है।
ग्रीन एनर्जी से जुड़ी कंपनियां पिछले काफी समय से अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। इस लिए आप इस साल भी मान कर चल सकते हैं कि इनका प्रदर्शन निवेश के लिहाज से अगले दिनों में भी लाभ देने वाला बना रहने वाला है। इन कंपनियों को आप मध्यम और लंबी अवधि के लिए होल्ड करके भी अच्छा लाभ कमा सकते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था विकास के अगले चरण में प्रवेश कर रही है। यह स्थिति हमेशा ही निवेशकों के लिए बेहतर संभावनाएं पैदा करती है। देश की अर्थव्यवस्था संतोषजनक गति से विकास कर रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति वैश्विक एजेंसियों का भरोसा बना हुआ है।
माना जा रहा है कि सरकार की प्राथमिकता वाले सेक्टर्स में पूंजी का प्रवाह बना रहेगा। इसका मतलब है कि इन सेक्टर्स में पहले से तेजी का क्रम आगे भी जारी रहने वाला है। इंफ्रास्ट्रक्चर, कैपिटल गुड्स, आटो, इंफ्रा, ग्रीन एनर्जी, हेल्थकेयर, ऊर्जा सेक्टर्स से जुड़ी कंपनियों ने एक साल की अवधि में अच्छा प्रदर्शन किया है। इन सेक्टर्स को बजट में होने वाले ऐलानों से सपोर्ट मिलेगा। सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ा रही है। वित्त वर्ष 2019-20 में इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का खर्च जीडीपी का 1.13 फीसदी रहा है। बजट में सरकार के तय लक्ष्य के हिसाब से वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी के 3.3 फीसदी तक बढ़ाने की उम्मीद है। इसका अर्थ है कि इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में अच्छा कामकाज होता दिखाई देगा।
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