अडाणी समूह पर सुप्रीम की सुनवाई टली, सेबी ने कहा 5 टैक्स हैवेन्स से जानकारी मिलने पर ही पूरी होगी जांच
राज एक्सप्रेस । सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में स्थिति रिपोर्ट के संबंध में सुनवाई स्थगित कर दी है। दरअसल, सेबी अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में टैक्स हैवेन्स से विदेशी निवेशकों के बारे में जानकारी नहीं पेश नहीं कर सकी। इसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई को स्थगित कर दिया। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली संविधान पीठ अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखेगी । सेबी ने बीती 25 अगस्त को अमेरिकी शार्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की जनवरी में जारी रिपोर्ट के आधार पर अडाणी समूह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के बाद अपनी स्थिति रिपोर्ट पेश की थी।
एफपीआई से जुड़े दो मामलों में पर्याप्त साक्ष्य पेश नहीं कर सकी सेबी
उल्लेखनीय है कि शुरुआत में सेबी को 14 अगस्त तक अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था। लेकिन, पूंजी बाजार नियामक ने जांच के लिए 15 दिन का समय मांगा था। जो आज पूरा हो गया है। सेबी अलग अब तक 5 माह की मोहलत ले चुकी है। कोर्ट को आज 29 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करनी थी, लेकिन सेबी द्वारा एफपीआई से जुड़े दो मामलों में पर्याप्त साक्ष्य पेश नहीं कर पाने की वजह से टालनी पड़ी।
सेबी ने अब तक सार्वजनिक नहीं किया जांच का मजमून
सेबी ने 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 24 कंपनियों की जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश कर दी थी। सेबी की रिपोर्ट की सामग्री अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है। सेबी के जांच दस्तावेज़ में जांच के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला गया है। सूत्रों के अनुसार सेबी की जांच में अडाणी समूह की कुछ कंपनियों में गड़बड़ी के साक्ष्य मिले हैं, लेकिन ये गड़बड़ियां तकनीकी स्तर के हैं, और जानबूझकर किए गए नहीं लगते। जिनमें सजा नहीं दी जा सकती। केवल जुर्माना लगाया जा सकता है। जुर्माना भी एक करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं लगाया जा सकता।
24 जांचों में से 22 में निष्कर्ष पर पहुंच चुकी हैं सेबी
इन 24 जांचों में से 22 में सेबी पहले ही निष्कर्ष पर पहुंच चुकी हैं। जिसके परिणामस्वरूप अंतिम जांच रिपोर्ट जारी की गई है। इसके अलावा, अडाणी समूह के संचालन की जांच के रूप में एक अंतरिम जांच रिपोर्ट तैयार की गई है। सेबी ने शीर्ष अदालत को सूचित किया है कि वह अभी भी समूह में निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों के वास्तविक मालिकों के बारे में पांच टैक्स हेवेन्स से जानकारी मिलने की प्रतीक्षा कर रही है।
अंतरिम रिपोर्ट विदेशी नियामकों से जानकारी मिलने पर निर्भर
सेबी ने बताया कि अंतरिम रिपोर्ट विदेशी नियामकों से जानकारी मिलने पर निर्भर है। सेबी ने कहा यह महत्वपूर्ण विदेशी डेटा उपलब्ध होने के बाद ही वह अपने कार्यों को अंतिम रूप दे पाएगी। सेबी की जांच के शुरुआती चरण में अडाणी समूह से जुड़ी 13 अंतर्राष्ट्रीय इकाइयों पर फोकस था। इसके अलावा, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के संबंध में पांच देशों से पूछताछ की गई है। अंतरिम रिपोर्टों में से एक में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि 13 विदेशी संस्थाओं को अडाणी समूह की कंपनियों के सार्वजनिक शेयरधारकों के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
टैक्स हेवन क्षेत्राधिकार में हैं विदेशी निवेशकों से जुड़ी कई संस्थाएं
सेबी ने कहा है कि वह अपनी जांच के नतीजे के आधार पर उचित कार्रवाई करेगा। सेबी ने कहा है कि चूंकि इनमें से कई इकाइयां टैक्स हेवेन में स्थित हैं, इसलिए 12 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के बीच शेयरधारकों के आर्थिक हितों को स्थापित करना जांच में एक चुनौती बना हुआ है। चूंकि इन में स्थित हैं, इसलिए 12 एफपीआई के आर्थिक हितधारक शेयरधारकों की पहचान एक चुनौती बनी हुई है। सेबी ने बताया कि इस मामले में पांच विदेशी न्यायालयों से विवरण जुटाने के प्रयास अब भी किए जा रहे हैं।
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