चिप इकाई के लिए ताइवान से हायरिंग करेगा टाटा ग्रुप, 13 अप्रैल को सिंचु में रोड शो

टाटा ने देश में चिप प्लांट लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। चिप इकाई के लिए ताइवान से हायरिंग करेगा टाटा ग्रुप।
ताइवान से हायरिंग करेगा टाटा समूह
ताइवान से हायरिंग करेगा टाटा समूहRaj Express

हाईलाइट्स

  • ताइवान में आसानी से उपलब्ध हैं चिप मेंकिंग के लिए प्रशिक्षित वर्कफोर्स

  • सेमीकंडक्टर मैनुफैक्चरिंग के लिए जाना जाता है ताइवान का शहर शिंचु

  • ताइवान में तीन अप्रैल को आया था भूकंप, मचाई थी जमकर तबाही

राज एक्सप्रेस । टाटा समूह ने देश में चिप की फाउंड्री और चिप पैकेजिंग प्लांट लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। टाटा समूह की योजना है कि इस इकाई के लिए वह ताइवान से बेहतरीन कर्मचारियों की हायरिंग करेगा। ताइवान चिप मेकिंग का वर्ल्ड लीडर है। चिप मेकिंग में ताइवान के एकाधिकार को इस तरह समझा जा सकता है कि वहां दुनिया के 80 फीसदी से अधिक चिप तैयार किए जाते हैं। वहां पर्याप्त संख्या में चिप मेकिंग में कुशल कर्मचारी तलाशे जा सकते हैं। यहा नजह है कि टाटा समूह ताइवान से ही कर्मचारियों को हायर करने की सोच रहा है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स 13 अप्रैल को ताइवान के शहर सिंचु (Hsinchu) में रोडशो करेगी।

ताइवान में मीकंडक्टर उत्पादन का केंद्र है सिंचु

इस शहर को सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। सि्ंचु में ताइवान सेमीकंडक्टर मैनुफैक्चरिंग कंपनी, पावरचिप सेमीकंडक्टर मैनुफैक्चरिंग कॉरपोरेशन, यूनाइटेड स्टेट्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन और एपिस्टर जैसी कंपनियों की चिप फैब्रिकेशन इकाइयां हैं। टाटा समूह कर्मचारियों की हायरिंग के लिए यह रोडशो ऐसे समय में करने वाला है, जब 3 अप्रैल को रिक्टर स्केल पर 7.4 तीव्रता के भूकंप की वजह से ताइवान में कई चिप उत्पादन इकाईयां अस्थाई तौर पर बंद हो गई हैं।

टाटा समूह को चाहिए 7 भूमिकाओं में कर्मचारी

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने रोडशो के लिए जो पोस्टर बनवाया है, उसमें सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए ऐसे ताइवानी कर्मचारियों की मांग की गई है, जिनके पास में 5-16 साल का अनुभव हो। सेवा की एक शर्त यह भी होगी कर्मचारियों को काम करने के लिए भारत आना होगा, लेकिन शुरुआत में 18 महीने की ट्रेनिंग ताइवान में ही होगी। टाटा समूह की योजना के अनुसार इक्विपमेंट इंजीनियर्स, यील्ड इंजीनियर्स और ऑटोमेशन इंजीनियर्स समेत सात भूमिकाओं के लिए हायरिंग की जाएगी। टाटा समूह की जरुरत के अनुरूप कर्मचारियों का ताइवान में मिलना कठिन नहीं है। शर्त यही होगी कि ताइवान की स्किल्ड वर्कफोर्स को आकर्षित करने के लिए टाटा समूह को अधिक वेतन आफर करना होगा।

टाटा समूह के दो प्रस्ताव को मिली है मंजूरी

केंद्र सरकार ने हाल ही में चिप सब्सिडी स्कीम के तहत हाल ही में टाटा के फैब्रिकेशन प्लांट के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। गुजरात के धोलेरा में 91 हजार करोड़ की लागत में यह प्लांट स्थापित किया जाएगा। इस प्लांट की स्थापरना टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और ताइवान की पीएसएमसी मिलकर करेंगी। यहां इलेक्ट्रिक गाड़ियों, टेलीकॉम, डिफेंस, ऑटो, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, डिस्प्ले और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए 50एनएम, 55एनएम, 90एनएम और 28एनएम के चिप बनाए जाएंगे। धोलेरा की इकाई से 20 हजार लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा। इसके अलावा टाटा सेमीकंडक्टर एसेंबली और टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड असम के मोरीगांव में 27 हजार करोड़ रुपये के निवेश से एक सेमीकंडक्टर पैकेजिंग यूनिट लगाएगी। इस इकाई से प्रति दिन 4.8 करोड़ चिप का उत्पादन किया जा सकेगा। इस इकाई से 27 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

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