सेमीकंडक्टर चिप्स आपूर्ति के लिए टेस्ला ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ किया करार

टेस्ला और टाटा इलेक्ट्रानिक्स के बीच सेमी कंडक्टर चिप्स की खरीद के लिए एक रणनीतिक करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
टेस्ला ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ किया करार
टेस्ला ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ किया करारRaj Express

हाईलाइट्स

  • ग्लोबल ऑपरेशन में उपयोग होने वाले सेमीकंडक्टर चिप्स टाटा से खरीदेगी टेस्ला

  • सेमीकंडक्टर कारोबार में टाटा समूह की कंपनी टेटा इलेक्ट्रॉनिक्स किया है निवेश

  • वैश्विक ग्राहकों में विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में जगह बना पाएगा टाटा समूह

राज एक्सप्रेस । टेस्ला के सीईओ और दुनिया के चौथे नंबर के कारोबारी एलन मस्क की कंपनी टेस्ला और टाटा इलेक्ट्रानिक्स के बीच सेमी कंडक्टर चिप्स की खरीद का एक अहम रणनीतिक करार होने की खबर है। इस करार में शामिल टाटा समूह के एक अहम अधिकारी ने बताया है कि टेस्ला ने अपने ग्लोबल ऑपरेशन में उपयोग होने वाले सेमीकंडक्टर चिप्स खरीदने के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ एक रणनीतिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उल्लेखनीय है कि सेमीकंडक्टर कारोबार में टाटा समूह की कंपनी टेटा इलेक्ट्रॉनिक्स निवेश कर रही है। इस करार से वैश्विक स्पेस में एक भरोसेमंद कंपनी के रुप में टाटा समूह की विश्वसनीयता बढ़ेगी।

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और टेस्ला के बीच हुए इस समझौते को बेहद अमहत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह समझौता इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है, कि इससे टाटा को शीर्ष वैश्विक ग्राहकों के लिए विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में जगह बनाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में भारत का भी नाम जुड़ जाएगा। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को टॉप ग्लोबल क्लाइंट के लिए विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करेगा। बताया जा रहा है कि यह समझौता अगले कुछ ही माह में पूरा हो जाएगा।

एलन मस्क के नेतृत्व वाली टेस्ला ने भारत में प्रवेश की तैयारी शुरू कर करना चाहती है। भारत दुनिया का सबसे तेज गति से बढ़ने वाला ऑटोमोटिव मार्केट के रूप में उभर रहा है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क अपनी टीम के साथ इस माह भारत यात्रा पर आने वाले हैं। इस दौरान वह पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि मस्क भारत यात्रा के दौरान देश में टेस्ला का प्लांट लगाने की घोषणा कर सकते हैं।

टेस्ला ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ किया करार, लेकिन इसके बारे में अभी ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और टेस्ला के बीच डील की क्या शर्तें हैं, इसका खुलासा नहीं किया गया है। दोनों कंपनियों ने इस डील पर अब तक कोई बयान जारी नहीं किया है। इंडियन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन के प्रसीडेंट अशोक चंडक ने इस खबर पर पर कहा यह डील बेहद महत्वपूर्ण है। टेस्ला का यह फैसला इलेक्ट्रानिक्स के स्थानीय आपूर्तिकर्ता के लिए इकोसिस्टम विकसित करेगा, जो किसी एक बाजार पर निर्भरता खत्म करने वाला है।

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने पिछले दिनों 50-60 टॉप उच्च स्तरीय विशेषज्ञों की भर्ती करके अपने वर्कफोर्स को बढ़ाया है। टाटा इलेक्ट्रानिक्स सेमीकंडक्टर टेक्नॉलजी, स्ट्रैटजिक प्लान और डिजाइन के क्षेत्र में इनकी विशेषज्ञता का उपयोग करेगा। माना जा रहा है कि टेस्ला भारत में अपनी ईवी इकाई पर 2 से 3 अरब डॉलर का निवेश करेगी। भारत यात्रा के दौरान एलन मस्क और उनकी टीम कई राज्यों का दौरा करके टेस्ला प्लांट के लिए जगह का चयन करेंगे। वैश्विक ईवी स्पेस के बड़े प्लेयर्स को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार ने हाल ही में अपनी ईवी पॉलिसी की घोषणा की है।

नई नीति में बड़े प्लेयर्स को भारत आने की स्थिति में अनेक छूटें दिए जाने की घोषणा की गई है। अधिकांश उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण के लिए कम से कम 2-3 बिलियन डॉलर का निवेश कर सकती है। हाल के दिनों में यूरोपीय बाजारों में टेस्ला की बिक्री में गिरावट देखने को मिली है। इस वजह से उनकी नेटवर्थ में भी गिरावट देखने को मिली है। वह कुछ दिन पहले तक वैश्विक कारोबारियों में पहले स्थान पर थे, लेकिन अब वह चौथे स्थान पर फिसल गए हैं। यही वजह है उन्होंने दुनिया के तीसरे सबसे बड़े वाहन बाजार में जगह बनाने के लिए उद्यम शुरू कर दिया है।

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