केंद्र सरकार ने लांच किया संचार साथी पोर्टल, इसके माध्यम से साधे जा सकेंगे तीन बेहद जरूरी काम

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज यहां 'संचार साथी' नामक एक नागरिक केंद्रित पोर्टल लॉन्च किया है। यह बेहद उपयोगी पोर्टल है।
Ashwani Vashnav
Ashwani VashnavRaj Express

राज एक्सप्रेस। आपके नाम पर किसी और ने मोबाइल कनेक्शन ले रखा है या किसी ने आपका फोटो लगा कर कोई मोबाइल कनेक्शन ले लिया है? या आपका मोबाइल फोन खो गया है और उसे आप ब्लॉक नहीं कर पा रहे हैं। अब ये सभी काम चुटकियों में हो जाएंगे। इसके लिए सरकार ने एक विशेष पोर्टल संचार साथी की शुरुआत की है। केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज यहां 'संचार साथी' नामक एक नागरिक केंद्रित पोर्टल लॉन्च किया है। पोर्टल का उद्देश्य मोबाइल कनेक्शन और दूरसंचार से संबंधित विभिन्न सुधार और सेवाएं प्रदान करना है। नई सेवा का उपयोग https://sancharsaathi.gov.in पर किया जा सकता है।

पोर्टल से साधे जा सकेंगे तीन तरह के काम

इस पोर्टल के लॉन्च के दौरान, मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस पोर्टल के जरिए तीन काम साधे जा सकेंगे। इससे पहला काम सधेगा खो गए या चोरी हो गए मोबाइल फोन को ब्लॉक करना। दरअसल, सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) की शुरुआत की गई है। यह देश में कहीं भी खोए या चोरी हुए फोन को ट्रैक करने और ब्लॉक करने में सक्षम बनाता है। इसके जरिए दुसरा काम सधेगा कि आप अपना मोबाइल कनेक्शन की जांच कर सकते हैं। यह सुविधा है नो योर मोबाइल (केवाईएम)। यह यूजर्स को अपने मोबाइल नंबर का उपयोग करके लॉग इन कर उनके नाम पर जारी किए गए मोबाइल कनेक्शनों की संख्या की जांच करने की अनुमति देता है। यह मदद सुविधा किसी भी अनधिकृत या अवांछित कनेक्शन की पहचान करती है, जिसे तुरंत ब्लॉक किया जा सकता है।

सिम ग्राहक सत्यापन भी होगा

संचार साथी पोर्टल के माध्यम से तीसरा काम टेलीकॉम सिम ग्राहक सत्यापन का होगा। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड फेशियल रिकॉग्निशन (ASTR) संचालित समाधान पेश किया गया है। यह एआई-आधारित तकनीक मोबाइल कनेक्शन विश्लेषण की सुविधा प्रदान करती है और इसमें कानून प्रवर्तन एजेंसियों और मालिक को आईएमईआई-आधारित फोन चोरी सूचना संदेश जैसी सुविधाएं शामिल हैं। यह किसी विशेष IMEI से जुड़े किसी भी नंबर को ब्लॉक करने और चोरी हुए मोबाइल उपकरणों को ट्रैक करने में भी सक्षम बनाता है। इसके अतिरिक्त, सिस्टम उपयोगकर्ताओं को सूचित करता है कि क्या उसी IMEI नंबर का उपयोग पहले मोबाइल फोन खरीदते समय किया गया है।

धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम

धोखाधड़ी के मामलों की पहचान करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कार्यान्वयन पोर्टल का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है। दूरसंचार विभाग (डीओटी) और परम सिद्धि सुपरकंप्यूटर द्वारा विकसित एआई-संचालित टूल का उपयोग करते हुए, सिस्टम ने 87 करोड़ मोबाइल कनेक्शनों का विश्लेषण किया है, 40 लाख संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान की है, 36 लाख मोबाइल नंबरों को निष्क्रिय कर दिया है, और बिक्री के 40,000 से अधिक बिंदुओं को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। (पीओएस) उपकरण धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल हैं। उल्लेखनीय मामलों में ऐसे उदाहरण शामिल हैं जहां ग्राहक की एक ही छवि के खिलाफ, लेकिन अलग-अलग नामों से कई कनेक्शन लिए गए थे।

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