सरकारी फार्मा कंपनी आईएमपीसीएल को खरीदने में मैनकाइंड फार्मा और वैद्यनाथ ने दिखाई दिलचस्पी
हाईलाइट्स
इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन की शुरुआत 1978 में हुई थी।
सीजीएचएस से जुड़ी डिस्पेंसरीज व क्लीनिक्स को दवा आपूर्ति करती है कंपनी।
राज एक्सप्रेस। सरकार अपने स्वामित्व वाली आयुर्वेद कंपनी इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन (आईएमपीसीएल) को बेचने का प्रयास कर रही है। मैनकाइंड फार्मा और बैद्यनाथ आयुर्वेद ने इस सरकारी कंपनी में 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक्सप्रेशंस ऑफ इंटरेस्ट (अभिरुचि पत्र या ईओआई) जमा किया है। सूत्रों के अनुसार सरकारी दवा कंपनी इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन के लिए एक प्राइवेट इक्विटी फंड और एक एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी ने भी बोली लगाई है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
पतंजलि आयुर्वेद ने खरीदने में नहीं दिखाई दिलचस्पी
सरकारी कंपनी इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन के लिए बोली लगाने की प्रक्रिया में पतंजलि आयुर्वेद के भी शामिल होने की उम्मीद थी, लेकिन खबर है कि वह ऐसा नहीं करेगी। पतंजलि आयुर्वेद ने एक्सप्रेशंस ऑफ इंटरेस्ट (अभिरुचि पत्र) जमा करने से इनकार कर दिया है। डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट के सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडेय ने 30 अक्टूबर को ट्वीट कर बताया था कि 'इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन (आईएमपीसीएल) के विनिवेश के लिए कई ईओआई प्राप्त हुई है्ं। अब ट्रांजैक्शन दूसरे चरण की तरफ बढ़ेगा।
250 करोड़ रुपये था कंपनी का रेवेन्यू
वित्त वर्ष 2022 में सरकारी दवा इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन (आईएमपीसीएल) का रेवेन्यू 250 करोड़ रुपये और प्रॉफिट मार्जिन करीब 25 फीसदी था। इस सरकारी फार्मा कंपनी की शुरुआत सन 1978 में हुई थी। सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) के तहत चलने वाली डिस्पेंसरीज और क्लीनिक्स को यह कंपनी दवाओं की सप्लाई करती है। कंपनी मौजूदा समय में 656 क्लासिकल आयुर्वेदिक, 332 यूनानी और 71 प्रोप्राइइटरी आयुर्वेदिक दवाएं बनाती है। कंपनी नेशनल आयुष मिशन के तहत सभी राज्यों को आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं की सप्लाई करती है। इसके अलावा, इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन 6000 जन औषधि केंद्रों को भी दवाओं की आपूर्ति करती है। यह कंपनी आयुष मंत्रालय के तहत काम करती है।
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