पर्यावरण पर विकसित देशों की गंभीर, निष्पक्ष व जवाबदेह पहल का यह सही समय : गौतम अडाणी
हाईलाइट्स
अडानी ने कहा अब समय आ गया जलवायु संकट पर विकसित देशों की ओर से निष्पक्ष, जवाबदेह कार्रवाई की जाए
क्लाइमेट वल्नरेबल फोरम की रिपोर्ट के अनुसार केवल 4 देश पेरिस समझौते के वादे को पूरा करने की राह पर
रिपोर्ट के अनुसार भारत, यूके, इंडोनेशिया, स्विट्जरलैंड की अर्थव्यवस्थाएं 2030 लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर
राज एक्सप्रेस। अडाणी समूह के अरबपति चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा है कि अब ग्लोबल साउथ के लिए विकसित देशों से निष्पक्ष और जवाबदेह कार्रवाई की मांग करने का समय आ गया है। उनका यह बयान क्लाइमेट वल्नरेबल फोरम (सीवीएफ) की रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि भारत, इंडोनेशिया, स्विट्जरलैंड और यूनाइडेट किंगडम केवल चार प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं हैं, जो 2030 तक पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर हैं।सीवीएफ की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने हाल के दिनों में अच्छा स्थान हासिल किया है और पेरिस लक्ष्यों की राह पर चल रही दुनिया की शीर्ष 4 अर्थव्यवस्थाओं में जगह बनाने में सफल रहा है।
जी7 में यूके ही पेरिस समझौते का पालन कर रहा
भारत का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन जी7 का ¼ है। हमारे जलवायु प्रयास एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए एकजुट हैं। बिलिनेयर गौतम अडाणी ने कहा कि विकसित देशों से ग्लोबल साउथ के लिए निष्पक्ष और जवाबदेह कार्रवाई की मांग करने का समय आ गया है! अडाणी ने एक्स पर की गई अपनी टिप्पणी में यह बात कही। जी7 में केवल यूके ही आंशिक या पूरी तरह से पेरिस में हुए समझौते का पालन कर रहा है। जी20 में से, यूके के अलावा, केवल भारत और इंडोनेशिया ही हैं, जो पूरी तरह से समझौते के अनुसार अमल कर रहे हैं।
ब्राजील आंशिक रूप से इसका पालन कर रहा
जबकि, ब्राजील आंशिक रूप से इसका पालन कर रहा है। जिसका मूल्यांकन 1950 आधार वर्ष और एचडीआई के मापदंडों पर आधारित है। सीवीएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन 2.93 tCO2 e/p है, जो दुनिया के औसत 6.4 tCO2 e/p से कम है। क्लाइमेट वल्नरेबल फोरम (सीवीएफ) की रिपोर्ट में कहा गया है कि ये चार देश ही केवल वे प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं हैं, जो 2030 के लिए पर्यावरण के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर हैं।
58 देशों का एक गठबंधन है सीवीएफ
उल्लेखनीय है कि सीवीएफ अफ्रीका, एशिया, कैरेबियन, लैटिन के 58 देशों का एक गठबंधन है। गौरतलब है कि अमेरिका और प्रशांत क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की वजह से सबसे अधिक खतरे में है। सीवीएफ रिपोर्ट में कहा गया है कि यह एक विडंबनापूर्ण स्थित है कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं प्रदूषण में उनकी बड़ी हिस्सेदारी पर ध्यान दिए बिना या उनके ऐतिहासिक उत्सर्जन के आधार पर सबसे अमीर और सबसे गरीब देशों के बीच अंतर किए बिना सभी देशों के लिए उत्सर्जन लक्ष्य निर्धारित करती रही हैं।
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