ट्विटर ने बंद किए 70,000 से ज्यादा यूजर्स के अकाउंट, कैपिटल हिंसा बनी वजह

सोशल मीडिया प्लेटफ्रॉम ट्विटर ने अपने 70,000 से ज्यादा यूजर्स के अकाउंट्स को निलंबित कर दिया है।जानें, कंपनी ने अपने यूजर्स के साथ ऐसा क्यों किया...
Twitter closed accounts of more than 70,000 users due to capital violence
Twitter closed accounts of more than 70,000 users due to capital violenceSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। हर एप्लीकेशन अपनी लांचिंग के समय कुछ नियम व शर्ते रखती है। जिन्हें उस ऐप के यूजर्स को मानना पड़ता है। यदि किसी वजह से यूजर्स इन नियमों का उल्लंघन करते हैं तो, वो ऐप उनके अकाउंट को बिना किसी अनुमति के निलंबित कर देती है। भले वो कोई नेता, सेलिब्रिटी हो या आम आदमी। ऐसा ही कुछ हुआ सोशल मीडिया प्लेटफ्रॉम ट्विटर के 70,000 से ज्यादा यूजर्स के साथ। जानें, कंपनी ने अपने यूजर्स के साथ ऐसा क्यों किया।

ट्विटर ने बंद किए अपने यूजर्स के अकाउंट :

दरअसल, अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में पिछले कई दिनों से कैपिटल हिल में हिंसा जारी है। इन सभी यूजर्स ने ने इस हिंसा से जुड़े ट्वीट किये थे, जो कि ट्विटर के नियमों का उल्लंघन है, क्योंकि ट्विटर किसी भी हिंसक कंटेंट को बढ़ावा नहीं देता है और यह सभी QAnon से जुड़े कंटेंट को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे थे। यही कारण है कि, ट्विटर ने 70,000 से ज्यादा यूजर्स के अकाउंट्स को निलंबित कर दिया है। इस बारे में जानकारी ट्विटर ने अपने आधिकारिक अकाउंट से दी है। ट्विटर ने इस मामले में एक ब्लॉग शेयर किया है।

ट्विटर का ब्लॉग :

ट्विटर ने एक ब्लॉग शेयर करते हुए लिखा है कि, 'अमेरिकी की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में हिंसात्मक घटनाओं और नुकसान के बढ़ते खतरे को देखते हुए हमने QAnon से जुड़ी सामग्री को साझा करने वाले हजारों अकाउंट्स को निलंबित कर दिया है।' बताते चलें, हाल ही में ट्वीटर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी अकाउंट निलंबित कर दिया है।

ट्रंप समर्थक पर लगे आरोप :

बताते चलें, अमेरिका के अटॉनी कार्यालय के अनुसार, यहां के हिंसक मामले में संघीय अदालत में ट्रंप के समर्थकों को आरोपी घोषित कर दिया गया है। ट्रंप समर्थकों पर जानबूझकर प्रवेश वर्जित इमारत में जबरन प्रवेश करने, हिंसा फैलाने, संसद का अपमान करने जैसे कई आरोप लगाए गए हैं। अमेरिका के अटॉनी कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि, 'चैंसले को मीडिया और  सोशल मीडिया में अमेरिकी ध्वज के साथ अमेरिकी संसद की इमारत में देखा गया है।'

क्या था मामला ?

दरअसल, अमेरिका में तीन नवंबर को हुए राष्ट्रपति पद के चुनावों में डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार बाइडेन की जीत जीते थे, परंतु यह जीत रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को अच्छी नहीं लगी और उन्होंने चुनाव के नतीजे आने के दो महीने बाद से ही चुनाव में गड़बड़ी होने के आरोप लगाना शुरू कर दिया था। इसी वजह से यह मामला शुरू हुआ था। जो कि हिंसा में बदल हो गई। गौरतलब है कि, ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल हिल में जानबूझकर घुसकर हिंसा और तोड़-फोड़ की। इसमें घटना के दौरान चार लोगों के मरने की खबर भी सामने आई थी।

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