मार्च 2030 तक बढ़कर 42,270 करोड़ हुई बैंकों में जमा बिना दावे वाली धनराशि : भागवत के कराड
हाईलाइट्स
इसमें 36,185 करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में जमा हैं
जबकि 6,087 करोड़ रुपये निजी क्षेत्र के बैंकों के पास जमा हैं
पैसे पर दावे को आरबीआई ने लांच किया पोर्टल-RBI UDGAM
राज एक्सप्रेस । बैंकों के पास जमा बिना दावे वाली राशि लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन इस राशि के असली हकदार कई कारणों से सामने नहीं आ पा रहे हैं। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार बीते मार्च, 2023 तक बैंकों के पास बगैर दावे वाली जमा राशि 28 फीसदी वार्षिक वृद्धि के साथ 42,270 करोड़ रुपये हो गई है। यह जानकारी वित्त राज्यमंत्री भागवत के कराड ने मंगलवार को संसद में दी है। वित्त वर्ष 2021-2022 में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों में 32,934 करोड़ रुपये बगैर दावे वाले जमा थे।
मार्च, 2023 के अंत में यह राशि 28 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 42,272 करोड़ रुपये हो गई है। मार्च, 2023 के अंत तक 36,185 करोड़ रुपये की बगैर दावे वाली जमा राशि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास थी, जबकि 6,087 करोड़ रुपये निजी क्षेत्र के बैंकों के पास जमा हैं। बैंक 10 या अधिक वर्षों से अपने खातों में पड़ी खाताधारकों की बगैर दावे वाली जमा राशि को रिजर्व बैंक के जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) कोष में स्थानांतरित कर देते हैं।
वित्त राज्यमंत्री भागवत के कराड ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि रिजर्व बैंक ने बगैर दावे वाली जमा राशि की मात्रा को कम करने और सही दावेदारों को ऐसी जमा राशि वापस करने के लिए कई कदम उठाए हैं। बिना दावे वाली धनराशि की जानकारी और क्लेम के लिए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अगस्त में पोर्टल-RBI UDGAM लॉन्च किया था। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने छह अप्रैल, 2023 को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में बिना दावे वाली जमा राशि का पता लगाने के लिये एक वेब पोर्टल बनाने की घोषणा की थी।
इस पोर्टल को इस लिए तैयार कराया गया है, ताकि लोगों एक ही स्थान पर कई बैंकों की बिना दावे वाली जमाराशि में से अपना खाता खोजने में आसानी हो और वे उस पर दावा कर सकें। शुरुआती दौर में पोर्टल पर सात बैंकों भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, धनलक्ष्मी बैंक, साउथ इंडियन बैंक, डीबीएस बैंक इंडिया और सिटी बैंक में बिना दावे वाली जमाराशि के बारे में जानकारी उपलब्ध थी। इसमें अन्य बैंकों को भी धीरे-धीरे जोड़ा जा रहा है।
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