राज एक्सप्रेस। भारत के सबसे सबसे अमीर भगवान के नाम से जाने जाए वाले आंध्र प्रदेश के तिरुमला में स्थित भगवान वेंकटेश के मंदिर का मैनेजमेंट देखने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने 51 करोड़ रुपये की पुरानी मुद्रा को वापस करने की इच्छा जताई है। बता दें, इस मुद्रा में बंद किए गए 500 और 1,000 रुपये के नोट हैं।
रेड्डी और वित्त मंत्री की मुलाकात :
अब नोटबंदी को चार साल पूरे हो चले हैं। तब वेंकटेश के मंदिर के मैनेजमेंट, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने 51 करोड़ रुपये की पुरानी मुद्रा लौटाने की इच्छा जाहिर करते हुए अपने चेयरपर्सन वाईवी रेड्डी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करने के निर्देश दिए। इस पर सोमवार को चेयरपर्सन वाईवी रेड्डी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर पुराने नोट के बदले नए नोट बदलने (नोट मुद्रीकरण) को लेकर अपील की। बताते चलें, यह राशि मंदिर में भक्तों द्वारा चढ़ाई गई राशि है।
वाईवी रेड्डी ने वित्त मंत्री को बताया :
इस मुलाकात के दौरान वाईवी रेड्डी ने वित्त मंत्री के सामने एक रीप्रेजेंटेशन देते हुए अपील की है। रेड्डी ने बताया कि, कोरोना वायरस की चलते तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की वित्तीय स्थिति का संज्ञान ले और उनकी समस्या को समझते हुए उनकी अपील स्वीकार करें। उन्होंने वित्त मंत्री को बताया कि "तीर्थयात्री हंडी (दानपात्र) में राशि डालने को पवित्र समझते हैं और इससे एक तरह की महान भावना तीर्थयात्री के मन में आ जाती है, ऐसे में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम भक्तों की भेंट को खारिज नहीं कर सकता।"
वित्त मंत्री का आश्वासन :
वाईवी रेड्डी ने यह भी बताया कि, आठ नवबंर 2016 को सरकार के नोटबंदी के ऐलान करने के बाद से ही तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने भक्तों से 500 और 1,000 रुपये की पुराने नोट भी लेना बंद कर दिया था। इसके अलावा तिरुमला तिरुपति देवस्थानम को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि, भक्तों ने 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट कब डालें। रेड्डी से पूरा घटना क्रम सुनने के बाद वित्त मंत्री सीतारमण ने रेड्डी को आश्वासन देते हुए कहा कि, "वो रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) से इस मामले पर बात करेंगी और जल्द ही इसका कोई समाधान निकालने की कोशिश करेंगी।
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