समावेशन की खबर के बाद से शुरू हुआ विदेशी पूंजी प्रवाह
इस समय एक ट्रिलियन डालर का है भारतीय बांड बाज़ार
जून में समावेशन के बाद 40 अरब डालर प्रवाह की उम्मीद
राज एक्सप्रेस। वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने ब्लूमबर्ग को दिए अपने एक साक्षात्कार में कहा है कि जेपी मॉर्गन चेज़ एंड कंपनी के उभरते सूचकांक में भारत के शामिल होने से विदेशी प्रवाह में बढ़ोतरी होने की संभावना है, लेकिन देश उस तरह की अस्थिरता के लिए तैयार है। घरेलू अस्थिरता पैदा करने के लिए जो कुछ भी पर्याप्त होगा उसकी निगरानी की जाएगी। शीर्ष अधिकारी ने साक्षात्कार में बताया अतिरिक्त धन को आने से रोकने के लिए सरकार जरूरी कार्रवाई करेगी।
कुछ अनुमानों के अनुसार, भारत के 1 ट्रिलियन बांड बाज़ार में समावेशन की वजह से लगभग 40 अरब डालर का प्रवाह आने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि जून में शामिल होने से पहले ही निवेश आना शुरू हो गया है। सितंबर में समावेशन की घोषणा के बाद से विदेशी निवेशकों ने सूचकांक-योग्य ऋण में 6 बिलियन से अधिक का निवेश किया है। एचएसबीसी एसेट मैनेजमेंट को उम्मीद है कि आने वाले सालों में भारत के बांडों में 100 अरब डॉलर का प्रवाह आएगा।
वित्त सचिव सोमनाथन ने कहा हम नहीं चाहते कि भारतीय अर्थव्यवस्था को ऐसे अज्ञात विदेशी फैक्टर्स द्वारा नियंत्रित किया जाए, जिन पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि वृहद आर्थिक मापदंडों का घरेलू नियंत्रण हमारे लिए एक प्रमुख नीतिगत उद्देश्य है। सोमनाथन ने अपने बजट घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 5.1% तक सीमित करने की भारत की योजना के बावजूद अपग्रेड पर विचार नहीं करने के लिए रेटिंग कंपनियों पर भी पलटवार किया है।
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