Disappointment spread by defeat
Disappointment spread by defeatRaj Express

क्रिकेट के किसी अहम मुकाबले में जब भी भारतीय टीम हारी, निराशा में डूबे ट्रेडर, बाजार में आई गिरावट

विश्वकप मुकाबले में टीम इंडिया की हार दैनिक जीवन में ऐसी घटना है, जिसने हमारे जीवन के सभी पक्षों को कम-ज्यादा मात्रा में प्रभावित किया है।

हाईलाइट्स

  • हमारे जीवन में गहराई तक समाया हुआ क्रिकेट, इस लिए जीवन के सभी क्षेत्रों में दिखता है इसका असर

  • भारतीय टीम की पराजय का नकारात्मक असर सोमवार को शेयर बाजार में भी दिखाई दिया

  • भारतीय टीम जब भी कोई मैच हारती है, तो उसके अगले दिन शेयर बाजार में गिरावट जरूर आती है।

राज एक्सप्रेस । विश्वकप मुकाबले में टीम इंडिया की हार ऐसी घटना है, जिसने हमारे जीवन के सभी पक्षों को कम-ज्यादा मात्रा में प्रभावित किया है। कल सोमवार की सुबह तक क्रिकेट विश्वकप में मिली हार की निराशा से लोग मुक्त नहीं हो पाए थे। निराशा का असर बहुत व्यापक रहा है, जिससे भारतीय शेयर बाजार भी अछूता नहीं रहा। आइए, वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार को सामने रखकर कारोबारी दुनिया पर पड़ने वाले प्रभावों को समझने का प्रयास करें। क्रिकेट विश्व कप में आस्ट्रेलिया के हाथों भारतीय टीम की पराजय का नकारात्मक असर कल सोमवार को शेयर बाजार में भी देखने को मिला। कल के कारोबारी सत्र में एनएसई निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुआ।

महत्वपूर्व बात यह है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इसे एक विचित्र संयोग ही कहा जाएगा कि वर्ल्ड कप या आईसीसी टूर्नामेंट में जब भी भारतीय टीम कोई मुकाबला हारती है, तो उसके अगले दिन शेयर बाजार में गिरावट जरूर आती है। यह एक तयशुदा तथ्य है कि जब भी भारत किसी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबले में अहम मुकाबला हारा है, तो इसके अगले दिन हमेशा शेयर बाजार रेड जोन में बंद हुआ है। कभी-कभी तो शेयर बाजार ने नॉकआउट मैच में भारतीय टीम की हार पर भी लगभग इसी तरह की प्रतिक्रिया की है।

आपको याद होगा 10 नवंबर 2022 को जब टीम इंडिया, टी-20 विश्वकप के सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैड के हाथों मैच गंवा बैठी थी, तब भी शेयर बाजार ने ऐसी ही प्रतिक्रिया की थी। यह मुकाबला दोपहर डेढ़ बजे शुरू हुआ था। एक घंटे के भीतर ही यह स्पष्ट हो गया कि भारतीय बल्लेबाजी का क्रम बुरी तरह से लड़खड़ा गया है और अब इस मुकाबले में कोई उम्मीद नहीं बची है तो इसका प्रभाव तुरंत शेयर बाजार पर दिखाई दिया था। इस दिन शाम को शेयर बाजार 0.71 प्रतिशत गिरावट के साथ बंद हुआ था। इससे पता चलता है कि किसी प्रमुख क्रिकेट मुकाबले में भारतीय टीम की पराजय का शेयर बाजार के कारोबारी सेंटीमेंट्स पर कितना नकारात्मक असर पड़ता है।

शेयर बाजार में होने वाली कारोबारी गतिविधियों पर क्रिकेट की दुनिया से आई किसी भी निराशाजनक खबर का क्या असर पड़ता है, इसे समझने के लिए 2019 के एक दिवसीय विश्वकप सेमीफाइनल मुकाबले से जुड़ी स्मृतियों को टटोलना होगा। आपको याद होगा कि बारिश से पैदा हुई रुकावट की वजह से यह मैच दो दिन खिंच गया था। दोनों ही दिन शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए थे। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 20 सालों में केवल दो बार ऐसा हुआ है, जब शेयर बाजार भारतीय टीम की हार से अप्रभावित रहते हुए हरे निशान में बंद हुआ। आपमें से बहुत सारे लोगों को पता होगा कि ऐसा पहला मामला 2014 के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में देखने को मिला था, जबकि दूसरा मामला 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में देखने को मिला।

इससे समझा जा सकता है कि भारतीयों के जीवन में क्रिकेट का क्या महत्व है। आप में से बहुत सारे लोगों को 2003 में खेले गए एक दिवसीय विश्वकप के फाइनल मुकाबले की स्मृति होगी, जब भारत आस्ट्रेलियाई टीम से हार गया था। इस पराजय की वजह से निफ्टी में 0.26 फीसदी की गिरावट देखने में आई थी। इसी तरह 2007 में हुए टी-20 विश्वकप फाइनल मुकाबले में भारत पाकिस्तान से जीत गया। इस जीत का उत्साह शेयर बाजार में दिखाई दिया और निफ्टी में1.96 अंक की उछाल देखने को मिली। इसके बाद 2011 में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने श्रीलंका को पराजित किया, तो इस खबर पर शेयर बाजार की कारोबारी गतिविधियों पर सकारात्मक असर दिखाई दिया और निफ्टी 1.41 फीसदी बढ़त के साथ बंद हुआ।

2014 में हुए टी20 विश्वकप फाइनल मुकाबले में भारत श्रीलंका से हर गया, तो शेयर बाजार का कारोबार लड़खड़ा गया और निफ्टी 0.01 फीसदी बढ़त के साथ बंद हुआ। इसके बाद 2015 में खेले गए ओडीआई विश्वकप सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम आस्ट्रेलिया से हार गया। इसके बाद निफ्टी में 2.21 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। 2016 में हुए टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनलल मुकाबले में भारत वेस्टइंडीज से हार गया। जिसके बाद निफ्टी में 0.33 फीसदी की गिरावट देखने में आई थी। इसके बाद 2017 का वह मुकाबला आप निश्चित ही नहीं भूले होंगे, जब चैंपियन्स ट्राफी के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम पाकिस्तान के हाथों मुकाबला हार गई थी। इस दिन निफ्टी 0.72 फीसदी के स्तर से आगे नहीं बढ़ पाया था।

2019 में हुए एक दिवसीय विश्वकप के सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के हाथों हार गई। तब निफ्टी में 0.49 फीसदी की गिरावट देखने में आई थी। इसके बाद 2022 में हुए टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम जब इंग्लैंड के मुकाबले पराजित हो गया, इस मायूसी का असर शेयर बाजार में निफ्टी की 0.71 फीसदी गिरावट के साथ दिखाई दिया। इसी साल हुए एक दिवसीय विश्वकप मुकाबले के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम आस्ट्रेलिया के मुकाबले मैच गंवा बैठी तो शेयर बाजार में मायूसी छा गई और निफ्टी में 0.19 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। इन आंकड़ों से आसानी से समझा जा सकता है कि भारतीयों के लिए क्रिकेट का क्या महत्व है। चूंकि यह हमारे जीवन में बहुत गहराई तक समाया हुआ, इस लिए जीवन के सभी क्षेत्रों में इसका असर दिखाई देता है। ऐसे में कारोबारी गतिविधियां इससे कैसे अप्रभावित रह सकती हैं।

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