जानिए, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति पर बोलते हुए क्यों कहा 'घूमने निकला है हाथी' ?

केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति पर बोलते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा दो साल पहले, मुद्रास्फीति कमरे में मौजूद हाथी की तरह थी।
Shaktikant Das, RBI Governer
Shaktikant Das, RBI Governer Raj Express

हाईलाइट्स

  • भारतीय रिजर्व बैंक ने एमपीसी की बैठक में 6.5 फीसदी पर स्थिर रखीं अपनी रेपो रेट

  • शक्तिकांत दास के अनुसार, दो साल पहले, मुद्रास्फीति कमरे में मौजूद हाथी की तरह थी

  • अब हाथी टहलने के लिए बाहर चला गया है और जंगल की ओर लौटता दिखाई दे रहा है

राज एक्सप्रेस । केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति पर बोलते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा दो साल पहले, मुद्रास्फीति कमरे में मौजूद हाथी की तरह थी। बाद के दिनों में हाथी टहलने के लिए बाहर चला गया है। अब राहत की बात यह है कि हाथी जंगल की ओर लौटता दिख रहा है। शक्तिकांत दास ने जिस हाथी की बात की वह आखिर है क्या ? बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंकिं (आरबीआई) ने नए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपनी पहली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में आज प्रमुख रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है।

ऐसा जीडीपी वृद्धि के मजबूत आंकड़ों और मुद्रास्फीति को और कम करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किया गया। आरबीआई के प्रमुख शक्तिकांत दास के अनुसार, दो साल पहले महंगाई कमरे में हाथी की तरह थी। यह दो साल पहले का वह समय है, जब अप्रैल 2022 में सीपीआई मुद्रास्फीति 7.8 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। दास ने कमरे में मौजूद हाथी कहकर इसी ओर इशारा किया है। इसके बाद उन्होंने कहा कि हाथी टहलने के लिए बाहर चला गया है। और अब जंगल में लौटता हुआ दिखाई दे रहा है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम चाहेंगे कि हाथी जंगल में लौट जाए और स्थाई आधार पर वहीं रहे। दूसरे शब्दों में, अर्थव्यवस्था के सर्वोत्तम हित में यह जरूरी है कि सीपीआई मुद्रास्फीति स्थिर रहे और टिकाऊ आधार पर लक्ष्य के अनुरूप रहे। शक्तिकांत दास ने कहा कि जब तक यह लक्ष्य हासिल नहीं हो जाता, तब तक हमारा काम अधूरा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई के खिलाफ लड़ाई में विचलित नहीं होने पर जोर दिया। उन्होंने कहा हम मुद्रास्फीति को लगातार काबू में रखने में सफल रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था ठीक गति से आगे बढ़ रही है।

उन्होंने कहा देश के केंद्रीय बैंक के रूप में हमारा प्रयास स्थायी आधार पर मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करना है, जिससे उच्च विकास की निरंतर अवधि का मार्ग प्रशस्त हो सके। दास ने बताया एमपीसी बैठक 3, 4 और 5 अप्रैल 2024 को हुई। उभरते व्यापक आर्थिक और वित्तीय विकास और दृष्टिकोण के विस्तृत मूल्यांकन के बाद, इसने 5-1 के बहुमत से नीति रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया गया। भविष्य की स्थिति को देखते हुए, मजबूत विकास संभावनाएं पालिसी स्पेस को मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करने और 4.0 प्रतिशत के लक्ष्य तक बनाए रखना सुनिश्चित करती है। चूँकि खाद्य पदार्थों की कीमतों में अनिश्चितताएँ लगातार चुनौती पैदा कर रही हैं, इस लिए एमपीसी मुद्रास्फीति के बढ़ते जोखिमों के प्रति सतर्क बनी हुई है। यहां की जाने वाली एक लापरवाही हमारे लिए कई संकट पैदा कर सकती है।

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