यस बैंक ने 123% वृद्धि के साथ 452 करोड़ रुपए हासिल किया शुद्ध लाभ

यश बैंक ने वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में दमदार प्रदर्शन किया है। बैंक ने 452 करोड़ शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 202 करोड़ था।
यस बैंक ने 452 करोड़ हासिल किया शुद्ध लाभ
यस बैंक ने 452 करोड़ हासिल किया शुद्ध लाभ Raj Express

हाईलाइट्स

  • निजी क्षेत्र के यश बैंक ने वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में दमदार प्रदर्शन किया

  • एस बैंक ने पिछले साल की इसी तिमाही में अर्जित किया था 202 करोड़ शुद्ध लाभ

  • बैंक के भविष्य की सकारात्मक तस्वीर निर्मित करते हैं ताजा आंकड़े

राज एक्सप्रेस । निजी क्षेत्र के यश बैंक ने वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में दमदार प्रदर्शन किया है। बैंक ने इस तिमाही में 452 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जो कि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में दर्ज किए गए 202 करोड़ के मुकाबले 123% अधिक है। इस आंकड़े को बैंक के भविष्य के लिहाज से बेहद सकारात्मक संकेत के रूप में लिया जा सकता है। यह दर्शाता है कि बैंक प्रबंधन के पिछले कुछ समय में उठाए गए सुधारात्मक कदमों का बैंक के प्रदर्शन पर सकारात्मक असर पड़ा है। इस दौरान न केवल बैंक के लाभ में वृद्धि हुई है बल्कि बैंक की संपत्ति की गुणवत्ता में भी सुधार देखने को मिला है।

ग्रास एनपीए घटकर 1.7 फीसदी पर आया

बैंक का सकल गैर-निष्पादित आस्ति (Gross NPA) घटकर 1.7% हो गया है, जोकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 2.2% था। इसी तरह शुद्ध गैर-निष्पादित आस्ति (Net NPA) भी घटकर 0.6% हो गई है, जोकि पिछले वर्ष 0.8% थी। यह गिरावट बैंक की लोन वसूली में सुधार का संकेत देती है। यस बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन, जो लाभप्रदायकता का एक प्रमुख सूचक होता है, तिमाही आधार पर 2.4% पर स्थिर रहा है। हालाँकि, शुद्ध ब्याज आय में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। यह 2,153 करोड़ रही, जोकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 2,105 करोड़ थी।

बैंक के ब्याज कारोबार में देखने को मिली वृ्द्धि

चौथी तिमाही में बैंक द्वारा किए गए प्रावधानों में भी गिरावट आई है। यह आंकड़ा 470.8 करोड़ रहा, जोकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही के मुकाबले 23.7% कम है। यह गिरावट संकेत करती है कि बैंक को भविष्य में संभावित लोन नुकसान के लिए कम रकम अलग रखने की आवश्यकता है। यस बैंक का कुल ब्याज कारोबार (अर्थात ऋण पर अर्जित ब्याज और जमा पर दिया गया ब्याज) में भी वृद्धि हुई है। बैंक द्वारा दिए गए ऋणों में 13.8% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई है और यह राशि 2.27 लाख करोड़ हो गई है। इस वृद्धि का मुख्य कारण एसएमई और मझोली कंपनियों को दिए गए ऋणों में वृद्धि तथा कॉर्पोरेट क्षेत्र में सुधार है।

बैंक की कुल जमाराशि में 22.5% की बढ़ोतरी

वहीं दूसरी ओर, बैंक की कुल जमा राशि में भी 22.5% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह राशि 2.6 लाख करोड़ हो गई है। बैंक का सीएएसए अनुपात भी 30.9% पर बना हुआ है, जो बैंक की तरलता की स्थिति को दर्शाता है। इस तरह हम पाते हैं कि यश बैंक के चौथी तिमाही के नतीजे काफी उत्साहजनक हैं। इस दौरान शुद्ध लाभ में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और ब्याज कारोबार में वृद्धि हुई है। ये सभी सकारात्मक संकेत बैंक के प्रदर्शन को लेकर उम्मीद जगाते हैं। हालांकि, बैंक को आने वाली तिमाहियों में अपने शुद्ध ब्याज मार्जिन को सुधारने पर ध्यान देना होगा।

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