सिंगरौली में 15 साल का बालक निकला शातिर हैकर

सिंगरौली, मध्यप्रदेश : हैकिंग के साथ महिला बन लोगों को बनाता था अपना शिकार, फिर करता था ब्लैकमेल।
सिंगरौली में 15 साल का बालक निकला शातिर हैकर
सिंगरौली में 15 साल का बालक निकला शातिर हैकरPrem N Gupta

सिंगरौली, मध्यप्रदेश। पढ़ लिख कर अपना भविष्य सुधारने की उम्र में सोशल मीडिया से गलत जानकारी एकत्रित कर मोरवा निवासी एक दसवीं का छात्र शातिर हैकर बन बैठा। सिंगरौली पुलिस अधीक्षक बीरेंद्र सिंह के दिशा निर्देश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर के मार्गदर्शन, अनुविभागीय अधिकारी राजीव पाठक के सतत निगरानी में मोरवा थाना प्रभारी निरीक्षक मनीष त्रिपाठी के द्वारा इस हैकर को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल हुई है। हैकिंग के साथ-साथ इसके द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से महिला की फेक आईडी बना लोगों से दोस्ती कर व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग की आड़ में उनके न्यूड वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल भी किया जा रहा था।

क्या था पूरा मामला :

सिंगरौली जिले के मोरवा निवासी एक 21 वर्षीय युवक ने थाने पहुंचकर तहरीर दी कि प्रियंका नाम की लड़की उसका न्यूड व्हाट्सएप वीडियो रिकॉर्ड कर उसे ब्लैकमेल कर रही है। लगातार पैसों की मांग से तंग होकर वह पुलिस के पास आया है। उसने यह भी बताया कि उसके पड़ोस का ही एक कंप्यूटर जानकार लड़का सॉफ्टवेयर के माध्यम से वीडियो को फैलाने से रोक लेता था, लेकिन वह भी अब रोक नहीं पा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन प्राप्त कर निरीक्षक मनीष त्रिपाठी द्वारा थाना मोरवा में अपराध क्रमांक 426/21 धारा 388 आईपीसी एवं 67, 67 (क), 67 (ख) आईटी एक्ट कायम कर विवेचना में लिया गया।

ऐसे धराया शातिर हैकर :

साइबर क्राइम से जुड़े इस मामले में विवेचना कर रही पुलिस को पूछताछ एवं साइबर एक्सपर्ट की सलाह से पता चला कि कंप्यूटर का जानकार जो बालक सॉफ्टवेयर के माध्यम से वीडियो को फैलाने से रोक लिया करता था, वही लोगों के मोबाइल हैक कर एवं महिला बन उन्हें ब्लैकमेल किया करता है। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि भारत में बैन text now app को VPN APP के माध्यम से अपनी लोकेशन यूएई में दिखाकर यही बैठे-बैठे प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लिया। जिसकी मदद से इस 15 वर्षीय बालक ने एक व्हाट्सएप आईडी बनाई। प्रियंका नाम से बनाई गई फेक आईडी के माध्यम से उसने कई लोगों को व्हाट्सएप कॉल किए तथा अपने जाल में फांसकर उनके न्यूड वीडियो बनाकर उनसे पैसे की मांग करने लगा। पैसे नहीं देने के एवज में वह उसके अंतरंग वीडियो उसके परिजनों को भेजने की धमकी भी देता रहा। जिसे डरकर कुछ लोगों ने उसे पैसे भी दिए। हैकर प्रार्थी का नंबर उसका जीमेल हैक करके निकालता तथा अपनी सिम का कहीं प्रयोग नहीं करता। यूएई के अलग-अलग नंबर प्रयोग कर लगातार व्हाट्सएप आईडी बनाता रहा।

इस तरह होता था पैसों का लेनदेन :

कंप्यूटर का जानकार समझकर जब लोग अपना वीडियो डिलीट कराने इसके पास पहुंचते थे तो वह पीड़ित लोगों से सॉफ्टवेयर के नाम पर पैसे की मांग करता था। जिसके माध्यम से वह उनके वीडियो डिलीट करा देने के लिए आश्वस्त करता था। जिन्होंने पैसे नहीं दिए वह उनका मोबाइल हैक कर लेता और उन्हें पुनः ब्लैकमेल करना शुरू कर देता था। 15 वर्षीय हैकर पीड़ितों से मिले पैसे से डार्क वेब के माध्यम से खतरनाक हैकिंग सॉफ्टवेयर खरीदा। क्रिप्टो करेंसी के द्वारा खरीदे गए सॉफ्टवेयर से उसने अब तक करीब आधा दर्जन लोगों को अपना शिकार बनाया था।

इनकी रही विशेष भूमिका :

इस मामले को सुलझाने में निरीक्षक मनीष त्रिपाठी, उपनिरीक्षक सतनाम सिंह बघेल, विनय शुक्ला, रूपा अग्निहोत्री, सहायक उपनिरीक्षक डीएन सिंह, प्रधान आरक्षक अरविंद चतुर्वेदी, संजय सिंह, अर्जुन सिंह, आरक्षक सुबोध सिंह तोमर, राहुल साहू एवं साइबर सेल आरक्षक सोबाल वर्मा, दीपक परस्ते की विशेष भूमिका रही।

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