हाइलाइट्स :
आरोपी ने शराब के नशे में घटना को अंंजाम देना कुबूला
16 दिन की मेहनत और 36 सीसीटीवी कैमरे के फुटेज चैक करने पर मिला आरोपी
भोपाल, मध्यप्रदेश। पुल बोगदा के पास मोरारजी नगर में विगत 19 जून की रात ट्रेन को पलटाने की नाकाम साजिश का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। उस समय बड़ा हादसा टल गया था जब तीसरी रेलवे लाइन पर रखे करीब ढाई मीटर लोहे की पटरी के बड़े टुकड़े से कपल डीजल रेल का इंजन टकराकर क्षतिग्रत हो गया था। गनीमत रही कि इंजन न तो बेपटरी नहीें हुआ और न ही कोई बड़ा हादसा हुआ। ऐशबाग पुलिस ने रेलवे के सीनियर इंजीनियर की शिकायत पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ 150 रेलवे एक्ट की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी थी। ऐशबाग पुलिस व आरपीएफ की टीम ने घटनास्थल के आसपास ऐशबाग क्षेत्र में करीब 36 सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले और हुलिए के आधार पर आरोपी को दबोच लिया। पूछताछ में आरोपी ने शराब के नशे में घटना को अंजाम देना बताया है।
आरपीएफ भोपाल के थाना प्रभारी निहाल सिंह ने बताया कि घटना विगत 19 जून की रात 11 बजकर 10 मिनट पर भोपाल व हबीबगंज स्टेशन के बीच हुई। तीसरी रेलवे लाइन के बीच में अज्ञात आरोपी ने दो पटरियों के ऊपर ब्लॉक रख दिया था। नतीजतन कपल डीजल इंजन नंबर 16740 ग्रे का कैटल गार्ड क्षतिग्रस्त हो गया था। करीब 16 दिन की मेहनत और घटनास्थल के आसपास 36 सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगालने के बाद संदिग्ध का हुलिया मिला था। हुलिए के आधार पर ही पुलिस ने पुष्पा नगर ऐशबाग निवासी भोला उर्फ कार्तिक प्रजापति (20) को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि वह शराब के नशे में रेलवे ट्रेक के पास पहुंचा था। वहां पड़ा लोहे की पटरी का टुकड़ा उठाकर उसने तीसरी रेलवे लाइन पर रख दिया। शराब के नशे में आरोपी ने वहां से गुजर रहीं टे्रन पर पत्थर भी फेंके थे। आरपीएफ पुलिस ने आरोपी को ऐशबाग पुलिस के हवाले कर दिया है। ऐशबाग पुलिस ने ही आरोपी के खिलाफ 150 रेलवे एक्ट की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था।
कान पकड़कर माफी मांगता रहा :
पुलिस ने बताया कि आरोपी भोला उर्फ कार्तिक प्रजापति रेलवे लाइन पर लोहे का ब्लॉक रखने के बाद उसने दूसरे ट्रेक से गुजर रहीं ट्रेनों पर पत्थर भी फेंके थे। उसके बाद वह वहां से भागकर प्रभात पेट्रोल पंप तक आ गया। प्रभात के पास से ऑटो से वह अपने घर चला गया था। थाने में आरोपी भोला कान पकड़कर अपनी करतूत की माफी मांगता रहा। थाना प्रभारी निहाल सिंह ने बताया कि घटना के समय वहां से काफी ट्रेनें गुजरती हैं। गनीमत रही कि उस दौरान ट्रेक पर सिफ इंजन ही था और उसकी गति भी अधिक नहीं थी। यदि कोई तेज रफ्तार यात्री गाड़ी अथवा मालगाड़ी होती तो बड़ा हादसा हो सकता था।
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