इंदौर : हथियारों के सौदागरों की जड़ पर कर दी चोट

इंदौर, मध्यप्रदेश : हथियारों के सौदागरों के खिलाफ चल रहे विशेष अभियान के तहत पुलिस ने अब जड़ पर चोट करना शुरु कर दिया है।
हथियारों के सौदागरों की जड़ पर कर दी चोट
हथियारों के सौदागरों की जड़ पर कर दी चोटसांकेतिक चित्र

हाइलाइट्स :

  • विशेष अभियान में बड़वानी के जंगल पहुंची क्राइम ब्रांच

  • सिकलीगर के हथियार बनाने वाले ठिए पर मारा छापा

इंदौर, मध्यप्रदेश। हथियारों के सौदागरों के खिलाफ चल रहे विशेष अभियान के तहत पुलिस ने अब जड़ पर चोट करना शुरु कर दिया है। पिछले दिनों पकड़े गए सिकलीगर के हथियार बनाने के ठिकाने पर जाकर पड़ताल की और हथियार बनाने के औजार भी बरामद किए। क्राइम ब्रांच की टीम जब बड़वानी के जंगल में पहुंचकर कार्रवाई कर रही थी तब वहां कई सिकलीगर परिवारों को इसकी भनक भी मिली थी,पुलिस का मानना है कि इससे ये संदेश गया है कि यदि दूसरे सिकलीगर हथियार बनाएंगे तो वे पुलिस के शिकंजे से नहीं बच पाएंगे। पुलिस का ये भी कहना है कि यदि इंदौर के गुंडे-बदमाशों को अवैध हथियार मिलने बंद हो जाएं तो क्राइम कंट्रोल में काफी मदद मिल सकती है।

डीआईजी मनीष कपूरिया द्वारा बाहरी जिलों से आने वाले असामाजिक तत्वों द्वारा इंदौर के अपराधियों को पिस्टल-कट्टे सप्लाय करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश पुलिस टीम को दिए थे। एसपी मुख्यालय अरविंद तिवारी के मार्गदर्शन में क्राइम एएसपी गुरु प्रसाद पाराशर द्वारा एक स्पेशल टीम का गठन किया गया था। कुछ दिनों पहले ही क्राइम ब्रांच की इस टीम ने 29 पिस्टल 22 कट्टे सहित कुल 51 अवैध हथियार, 14 जिंदा कारतूस सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, इनमें सिकलीगर भी शामिल थे।

पकड़े गए आरोपियों से की गई विस्तृत पूछताछ में पता चला कि आरोपी प्रकाश सिंह सिकलीगर के पिता औजारों में धार लगाने का कार्य करते हैं जिससे उसे बचपन से ही लोहे का काम करने में आसानी होती थी वह पहले ताला चाबी बनाने का काम करता था किंतु गंधवानी जिला धार के सिकलीगर रवि सोलंकी के संपर्क में आने पर वह भी हथियार बनाने लगा जो 10 से 15 हजार रूपये कीमत में ट्रक ड्राईवरों अथवा अन्य आपराधिक किस्म के लोगों को बेच देता था।

घर से मिले हथियार बनाने के औजार :

यह सिकलीगर कहाँ और कैसे हथियार बनाते थे इस सम्बन्ध में पूछताछ की गई तो आरोपी प्रकाश सिकलीगर निवासी ग्राम नवलपुरा अंजड जिला बडवानी द्वारा बताये गये स्थानों पर क्राइम ब्रान्च की टीम द्वारा जिला धार के सिंघाना, गंधवानी, लालबाग, बाकानेर व जिला बड़वानी के उमरठी, ओझर, शाहपुरा, खुरमाबाद एवं आरोपी के गृह निवास स्थल नवलपुरा में दबिश दी गई जहाँ पर वह देशी कट्टे/ पिस्टल व मैग्जीन आदि बनाता था। आरोपी के घर के पीछे हथियार बनाने के अड्डे पर दी गई दबिश के दौरान वहाँ से देशी कट्टे/पिस्टल बनाने की सामग्री बरामद हुई जिसमें छैनी, हथोडा, पाईप व कोयले से जलने की हस्तचलित हवा धौंकने की मशीन, कटर, पिंचिस, पेचकस, फाइल, रेती, स्प्रिंग, आदि सामान शामिल हैं।

कैसे बनाता था कट्टे और कारतूस :

आरोपी ने बताया कि वह उपरोक्त सामग्री को घर के ही पास जंगल में भट्टी लगाकर देशी कट्टे व देशी पिस्टल बना लेता था, ये हथियार वह गुंडों को बेच देता था। जंगल मे भट्टी लगाकर लोहे के पात्रों को पिस्टल एवं देशी कट्टे के बॉडी व लकड़ी के हत्थे बनाने के लिये कटर एवं छैनी हथोड़े से काटकर उसे आकार देकर, कोयले की भट्टी मे गरम कर उनको मोड़ने एवं उनको ठंडा होने पर अलग-अलग हिस्सों को जोड़ने, गैस वेल्डिंग करने के उपयोग में लेते थे।

बाद में फाइल व रेतमाल को फिनिशिंग व चमक के लिये उपयोग करते थे व 12 बोर देशी कट्टे की नली बनाने के लिये सायकल के फ्रेम के डंडे का पाईप तथा देशी पिस्टल बनाने के लिये 12 एम एम के सरिये का उपयोग करते थे तथा उसको छेद करने के लिये ड्रिल मशीन का उपयोग करते थे व सरीये को साईज से काटने के लिये कटर व लोहे की आरी का उपयोग करते थे। कारतूस बनाने के लिये कबाड वालों से या फ्रिज मे उपयोग होने वाली पीतल की नली को बाजार से लाकर, कारतूस का आकार देकर आगे का बोल्ट ठोस कॉपर का सरिया खरीद कर बोल्ट के साईज का काटकर फाइल से फिनीश कर आकार देते है। उसके अंदर माचिस की तीली का मसाला व पटाखों की बारुद व फायर पिन के अंदर वाले भाग मे बच्चो के उपयोग करने वाली पटाखे वाली टिकली का उपयोग कर कारतूस भी बनाते थे। इस तरह से आरोपी प्रकाश सिकलीगर नि ग्राम नवलपुरा अंजड जिला बडवानी द्वारा देशी कट्टे व देशी पिस्टल व राउंड तैयार कर बाजार मे सस्ते दामो पर बेच दिया करता था। टीम आरोपियों से आगे भी पूछताछ कर रही है। कई हथियारबाजों के बारे में जानकारी मिली है उनके खिलाफ भी जल्द ही कार्रवाई के संकेत मिले हैं।

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