इंदौर, मध्य प्रदेश। रुक्मणी नगर में कांस्टेबल ज्योतिप्रसाद शर्मा और उसकी पत्नी नीलम के कत्ल की वारदात को नाबालिग बेटी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अंजाम दिया था। प्लानिंग के तहत अल सुबह नाबालिग ने दरवाजा खोला, प्रेमी अंदर घुसा उसने पहले कांस्टेबल की पत्नी नीलम को मार डाला उसके बाद कांस्टेबल ज्योति प्रसाद शर्मा की भी हत्या कर दी। वारदात के बाद प्रेमी-प्रेमिका ने घर में रखे 1.19 लाख रुपए चुराए और बाइक से ही राजस्थान के लिए फरार हो गए। पुलिस ने इनकी तलाश के लिए कड़ी नाकेबंदी की थी ये दोनों रतलाम में ही पकड़ लिए गए। डीआईजी ने वारदात को सुलझाने वाली टीम को 20 हजार का इनाम भी घोषित किया है। इस वारदात को लेकर पूरे शहर में सनसनी फैल गई थी।
क्या है मामला :
कांस्टेबल ज्योतिप्रसाद शर्मा, पत्नी नीलम तथा उनका बेटा और उनकी एक बेटी साथ में रहते थे। बगल के घर में उक्त दंपत्ति के माता-पिता निवास करते थे। वारदात के दिन दंपत्ति का बेटा अपने दादा-दादी के साथ था तथा बेटी और दंपत्ति घर में सोए हुए थे। घटना के बाद से दंपत्ति की नाबालिग बेटी फरार थी तथा घटना के समय आवाजें आने पर उसके संदिग्ध आचरण की सूचना आसपास के लोगों द्वारा दी गई थी विभिन्न सर्विलांस के आधार पर ज्ञात हुआ कि उक्त नाबालिग लड़की का धनंजय यादव उर्फ डीजे निवासी महावीर मार्ग गांधीनगर से संपर्क था। इसी बात को लेकर पूर्व में विवाद आदि भी हुए थे। घटना के बाद से धनंजय यादव भी गायब था। लगातार साक्षी विश्लेषण पर घटना का पता चला की उक्त नाबालिग लड़की एवं धनंजय यादव ने आपस में पूर्व योजना बनाकर उक्त दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया है। घटना का कारण घर में रखे रुपए आदि लूटना तथा उनको रोक-टोक करने से रंजिश का बदला लेना था।
घटना में अपने गंभीर कृत्य के प्रति सहानुभूति के लिए उक्त नाबालिग लड़की द्वारा एक नोट भी लिखा गया जिसमें उसने सरासर फर्जी आरोप अपने पिता पर लगाए थे। पुलिस ने इस मामले में पूछताछ की तो नाबालिग ने स्वीकारा कि वह पूर्णत: गलत है।
नाबालिग ने दरवाजा खोला, प्रेमी ने उतारा मौत के घाट :
घटना के संबंध में छानबीन करने पर पता चला कि आरोपियों द्वारा पूर्ण तैयारी करके एक बड़ा बकानुमा चाकू तथा एक दराता लाकर प्रात: 4.00 बजे जैसे ही लड़की ने दरवाजा खोला और आरोपी धनंजय घर में प्रवेश हुआ । योजनाबद्ध तरीके से पहले कांस्टेबल की पत्नी नीलम पर वार किया गया उसके पश्चात कांस्टेबल ज्योतिप्रसाद शर्मा की हत्या की गई। हत्या उपरांत उन्होंने घर से अलमारी में रखे हुए लगभग 1लाख 19 हजार रुपए लेकर यहां वहां होते-होते मंदसौर तरफ भागे तथा आगे राजस्थान जाकर रहने का इरादा था । लेकिन पुलिस की नाकाबंदी चेकिंग के कारण डर के कारण नहीं जा पाए और पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही घेराबंदी कर रतलाम से गिरफ्तार कर लिए गए। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ घटना में प्रयुक्त हथियार, रुपए तथा बाइक आदि जब्त कर ली गई है। उक्त सनसनीखेज घटनाक्रम पर त्वरित कार्यवाही करने वाली टीम को डीआईजी द्वारा 20 हजार रुपए के नगद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।
200 कैमरे के फुटेज खंगाले गए थे :
कांस्टेबल और पत्नी की हत्या की वारदात की गंभीरता को देखते हुए आईजी योगेश देशमुख ने तत्काल हत्याकांड का खुलासा करने के निर्देश दिए। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र तथा एसपी विजय खत्री द्वारा एएसपी डॉ प्रशांत चौबे, सीएसपी जयंत राठौर तथा थाना प्रभारी राहुल शर्मा के नेतृत्व में विशेष टीमें बनाई गई थीं। पुलिस टीम ने घटना के संबंध में विभिन्न प्रकार की पूछताछ, तकनीकी, सर्विलांस तथा सीसीटीवी फुटेज आदि के विश्लेषण करना प्रारंभ किया गया। सतत् प्रयास के दौरान लगभग 50 से अधिक साथियों से पूछताछ की गई वही करीब 200 कैमरों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए । तकनीकी टीम द्वारा बड़ी मात्रा में डाटा का विश्लेषण अध्ययन किया गया जिसके परिणाम स्वरूप मात्र 12 घंटे में ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए।
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