Narmadapuram : टाईगर का शिकार करने वाले 23 लोगों को 5-5 साल की सजा

सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के बफर जोन कामती/चूरना रेंज से पकड़े गये करीब दो दर्जन शिकारियों को न्यायाधीश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने टाईगर के शिकार मामले में 5-5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
टाईगर का शिकार करने वाले 23 लोगों को 5-5 साल की सजा
टाईगर का शिकार करने वाले 23 लोगों को 5-5 साल की सजासांकेतिक चित्र

नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश। करीब सात साल पहले सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के बफर जोन कामती/चूरना रेंज से पकड़े गये करीब दो दर्जन शिकारियों को मंगलवार को विद्वान न्यायाधीश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने टाईगर के शिकार मामले में दोषी मानते हुए 5-5 साल के कठोर कारावास एवं 10-10 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है। बता दें कि एसटीआर बफर जोन में गश्ती दल ने उक्त शिकारियों को जंगल में जाते देखा था, जिस पर एसटीआर टीम ने जंगल की तलाशी लेकर आरोपियों को गिरफ्तार किया था, उनके पास से वन्य प्राणियों की हड्डियां, चाकू सहित टाईगर की खाल बरामद की थी, उसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। मामले का अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया, जिसमें कई साल चले विचारण के बाद सोमवार को फैसला आया है।

जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि 13 जुलाई 2015 को सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के वन परिक्षेत्र कामती/चूरना के जंगल कोर क्षेत्र में महावत मनीराम एवं गन्नूलाल ने गश्ती के दौरान 8-10 व्यक्तियों को वन परिक्षेत्र कामती के जंगल में प्रवेश करते हुए देखा, जिसकी सूचना उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को दी। आरोपीगणों का पीछा किया लेकिन वे जंगल में भाग गये थे। लेकिन एसटीआर टीम ने आरोपियों के पदचिन्हों का पीछा करते हुए आरोपियों को पकड़ लिया, घटना स्थल की तलाशी लेने पर वन्य प्राणी पैंगोलिन की खपडिय़ां, चाकू एवं अन्य सामाग्री मिली थी। म.प्र. टाईगर स्ट्राईक फोर्स के अधिकारियों के द्वारा विवेचना के दौरान आरोपीगणों से वन्य प्राणी बाघ (टाईगर) की एक खाल जप्त की गयी। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण उपरांत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती रितु वर्मा कटारिया की अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया। जिसमें आरोपी श्रीवास, सखाराम, परेश, श्यामजी, सुम्मी, सुरेश, रामचरण, उमत, छोटेवीर, रामपाल, शेख चाउस, शेख युनुस, पन्नालाल, विस्तु, सीताराम, रामकिशोर, नियालाल, गन्ना, रमेश, स्नोर, हरिदास, झूलन, मोहम्मद शमीम को धारा 27/51, 21/51, 9/51सी, 43, 44, 49, 49/51(क), 51(1) क वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 में 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में शासन की ओर से सहा. जिला अभियोजन अधिकारी अरूण कुमार पठारिया द्वारा पैरवी की गई।

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