इंदौर : गर्लफ्रेंड के कहने पर डीएवीवी के नाम से फर्जी वेब साइट ही बना डाली

इंदौर, मध्य प्रदेश : देवी अहिल्या युनिर्वसिटी के नाम की ट्रांसस्क्रिप्ट फर्जी वेब साईट बनाने वाले आरोपी को स्टेट सायबर सेल ने बंदी बनाया है।
गर्लफ्रेंड के कहने पर डीएवीवी के नाम से फर्जी वेब साइट ही बना डाली
गर्लफ्रेंड के कहने पर डीएवीवी के नाम से फर्जी वेब साइट ही बना डालीSocial Media

इंदौर, मध्य प्रदेश। देवी अहिल्या यूनिर्वसिटी के नाम की ट्रांसस्क्रिप्ट फर्जी वेब साईट बनाने वाले आरोपी को स्टेट सायबर सेल ने बंदी बनाया है। उसने अपनी गर्ल फ्रैंड के कहने पर फर्जी वेब साइट बनाई थी। आरोपी फर्जी वेब साईट के जरिये विदेश में पढऩे वाले छात्र-छात्रों को ट्रांसक्रिप्ट भेजते थे। इसमें यूनिवर्सिटी के कई कर्मचारियों की भी मिली भगत है। फर्जी वेब साइट संचालित करने वाले युवती के खिलाफ भी हो सकती है कार्रवाई इसके साथ ही जांच में ये बात भी सामने आई है कि देवी अहिल्या युनिर्वसिटी की और भी अन्य फर्जी वेब साईट चल रही है। उनके बारे में भी सायबर सेल की टीम जांच कर रही है।

स्टेट सायबर सेल एसपी जितेंद्रसिंह ने बताया कि सायबर सेल इंदौर मे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर द्वारा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के नाम से तीन फर्जी वेबसाइट बनने एवं छात्र/छात्राओं से ट्रांसस्क्रिप्ट के अधिक शुल्क लेने की शिकायत दर्ज करायी गई। शिकायत जांच में प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर धारा 419, 201, 34 भादवि तथा 66सी, 66डी आईटी एक्ट का केस दर्ज कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की विवचना इंस्पेक्टर अंबरीश मिश्रा ,हेड कांस्टेबल रामपाल द्वारा की जा रही है। वेबसाईट डीएवीवी इंदौर ट्रांसस्क्रिट्स की जांच में पाया गया कि ये वेब साइट सत्यम जोशी पुणे,महाराष्ट्र ने बनाई है। सत्यम जोशी को पूछताछ हेतु सायबर कार्यालय इंदौर बुलाया गया एवं उससे पूछताछ की गई। पूछताछ में उसने बताया कि वह इंदौर का रहने वाला है तथा उसने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में कंम्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग पास की है और वह पुणे में नौकरी कर रहा है। पुणें में रहकर ही उसने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के नाम से फर्जी वेबसाईट ट्रांसस्क्रिप्ट के लिए एक परिचित युवती के कहने पर बनायी थी। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में पढ़ाई पूरी कर चुके छात्र/छात्राओं को विदेश में जाकर पढ़ाई करने के लिए वहां की यूनिवर्सिटी में ट्रांसस्क्रिप्ट डाक्यूमेंट जमा करने होते हैं। ट्रांसस्क्रिप्ट डाक्यूमेंट तैयार करवाने के लिए तयशुदा फीस से कई गुना अधिक फीस वसूलते थे। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के कर्मचारियों से मिलीभगत होने से ट्रांसस्क्रिप्ट डाक्युमेंट आसानी से तैयार करवाकर विदेश में यूनिवर्सिटी को पोस्ट डाक के माध्यम से भेज देते थे। विवेचना में मेल ट्रांसस्क्रिप्टस डाट काम, डीएवीवी ट्रांसस्क्रिप्टस डाट काम एवं आफिशियल ट्रांसस्क्रिप्टस वेबसाइट चलायमान होने की जानकारी प्राप्त हुई है, जिसकी जांच की जा रही है। उनके विरूद्ध भी कार्यवाही की जावेगी। मामले में अन्य सहयोगी आरोपियों की तलाश जारी है। आरोपी से आपराध में प्रयुक्त मोबाइल फोन, सिम एवं क्रेडिट कार्ड जप्त किया गया है। इस मामले में आरोपी सत्यम पिता डॉ. शशीकांत जोशी निवासी श्रीमंगल नगर को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इससे कई राज सामने आने की संभावना है। आरोपी की गिरफ्तारी में हेड कांस्टेबल मनोज राठौड़, महावीर सिंह परिहार, विशाल महाजन की भी सराहनीय भूमिका रही है।

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