बहू ने मुझे चोर कहा, मेरी सामाजिक हत्या की है, अब जीना नहीं चाहता हूं

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : दो साल पहले कृषि विभाग से रिटायर्ड एसडीओ ने अपनी ही बंदूक से गोली मारकर खुदकुशी कर ली। वह रतिराम गार्डन के पास विनय नगर सेक्टर-4 में रहते थे।
बहू ने मुझे चोर कहा, मेरी सामाजिक हत्या की है, अब जीना नहीं चाहता हूं
बहू ने मुझे चोर कहा, मेरी सामाजिक हत्या की है, अब जीना नहीं चाहता हूंसांकेतिक चित्र

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। दो साल पहले कृषि विभाग से रिटायर्ड एसडीओ ने अपनी ही बंदूक से गोली मारकर खुदकुशी कर ली। वह रतिराम गार्डन के पास विनय नगर सेक्टर-4 में रहते थे। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है। रिटायर्ड एसडीओ ने सुसाइड नोट में अपना दर्द बयां किया है। सुसाइटड नोट में लिखा- मकान के लिए बहू ने मुझे चोर कहा। उसके पिता-भाइयों ने मुझे पीटा और झूठे मामले दर्ज कराए। मेरी सामाजिक हत्या की है। अब जीना नहीं चाहता हूं। पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर जांच शुरू कर दी है।

बहोड़ापुर विनय नगर सेक्टर-4 निवासी 62 वर्षीय राजेन्द्र सिंह राजपूत कृषि विभाग से रिटायर्ड एसडीओ थे। वह 9 सितंबर 2018 में बिलासपुर छत्तीसगढ़ से रिटायर हुए थे। परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे हैं। बड़ा बेटा प्रोफेसर है और अभी शिवपुरी में पदस्थ है। छोटा बेटा शहर में ही किसी शासकीय विभाग में पदस्थ है। बड़े बेटे की बहू प्रीति सिंह का मायका शिवपुरी में है। ससुर की बहू से नहीं बनती थी। बहू और उसके मायके के लोग विनय नगर स्थित प्रॉपर्टी को बहू के नाम करने के लिए कह रहे थे। इसी से राजेन्द्र सिंह परेशान थे। मंगलवार सुबह वह जागे। पत्नी के हाथ की चाय पी। इसके बाद पत्नी अन्य काम में लग गई। उन्होंने अलमारी से अपनी 12 बोर की दोनाली बंदूक निकाली और ठोढ़ी पर अड़ाकर ट्रिगर दबा दिया। गोली उनके जबड़े को चीरती हुई दीवार में लगी। गोली की आवाज सुनकर पत्नी और आसपास के लोग वहां पहुंचे, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। बहोड़ापुर थाना पुलिस मौके ने जांच शुरू कर दी है। साथ ही फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. अखिलेश भार्गव मौके पर पहुंचे। उन्होंने बारीकी से पूरे घटना स्थल की जांच की है। दो नाल में एक जिंदा कारतूस व एक चला हुआ खोका मिला है।

घटनास्थल पर मृतक के डेयरी संचालक चचेरे भाई कमलेश राजपूत निवासी सौफुटा रोड आश्रम के सामने ने बताया कि उनके दो बेटे हैं। चैतन्य और विवेक। बड़े बेटे चैतन्य का निवास डीडीनगर में है और छोटे बेटे विवेक एजी ऑफिस में सीनियर ऑडीटर के पद पर पदस्थ हैं। वे डीडीनगर के निवास से छोटे बेटे के विनय नगर स्थित निवास पर एक माह पहले ही रहने आए थे। छोटे बेटे विवेक ने करीब दस साल पहले इस मकान का निर्माण कराया था।

सुसाइड नोट में जिमेदारों के लिखे नाम :

मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा कि 2018 में रिटायर्ड होकर घर आया तो बड़े बेटे चैतन्य की पत्नी प्रीति और उसके पिता, भाई प्रमोद समेत मनीष और अन्य परिवार के लोगों ने उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल की। उनके साथ मारपीट की गई और शिवपुरी थाने और ग्वालियर में हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पूरा मामला संपत्ति को हड़पने और बच्चों को फंसाने का था। बड़ी बहू के नाम पर उसके परिवार वालों ने पूरी संपत्ति कराने को लेकर दबाव बनाया। ऐसे में मेरी जीने की इच्छा समाप्त हो चुकी है। मेरी हत्या का जिम्मेदार इनस भी को माना जाए।

काफी पुरानी है लायसेंसी गन :

12 बोर की लायसेंसी दो नाली गन काफी पुरानी है। परिवार के एक रिश्तेदार ने बताया कि गन हमेशा अलमारी में ही रहती थी। कभी भी बाहर नहीं निकालते थे। एफएएसएल की टीम ने गन को कब्जे में लेकर जांच की तो एक ही खाली कारतूस अंदर फंसा था।

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